Gold-Silver Price Update: इंटरनेशनल बाजार में सोने की कीमतों में लगातार कमजोरी जारी है. ब्याज दरों में बढ़ोतरी से कॉमेक्स पर सोना 2 साल के सबसे निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है. सोने की कीमतें 1670 डॉलर प्रति आउंस पर ट्रेड कर रही है. भारत में भी MCX पर सोने का भाव 50000 रुपए से नीचे आ गया है. चुंकि भारत में फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो चुकी है. ज्वेलरी कारोबारी हो या खरीदार सभी को इंतजार है नवरात्रि की. नवरात्र में ज्वेलरी डिमांड में इजाफा देखने को मिलती है. ऐसे में इंटरनेशनल मार्केट में सोने में जारी बिकवाली का असर भारतीय बुलियन मार्केट पर भी पड़ेगा या नहीं? एक्सपर्ट से जानते हैं.....

नवरात्रि तक कहां जाएगा सोना-चांदी

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MCX पर सोने का अक्टूबर वायदा 200 रुपए सस्ता होकर 49200 के नीचे ट्रेड कर रहा है. चांदी भी हल्की कमजोरी के साथ 56700 रुपए प्रति किलो ग्राम पर ट्रेड कर रही है. बुलियन मार्केट में आई कमजोरी की सबसे बड़ी वजह केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी और इंटरनेशनल मार्केट में आई कमजोरी है.

  • पृथ्वी फिनमार्ट के डायरेक्टर मनोज कुमार जैन ने कहा कि नवरात्रि तक बुलियन मार्केट की चमक लौटेगी. निवेशकों को गिरावट में खरीदना चाहिए. उन्होंने MCX गोल्ड पर 50000 का टार्गेट दिया है. MCX चांदी पर भी खरीदारी की राय दी है. नवरात्र तक चांदी 59000 रुपए प्रति किलो ग्राम के भाव तक पहुंच जाएगी. 
  • IIFL सिक्योरिटीज के अनुज गुप्ता भी बुलियन मार्केट पर फेस्टिव सीजन के चलते नवरात्रि तक के लिए बुलिश हैं. ऐसे में उन्होंने MCX गोल्ड पर 49500 रुपए प्रति 10 ग्राम और MCX चांदी पर 58000 रुपए प्रति किलो ग्राम का लक्ष्य दिया है.   

बुलियन मार्केट के लिए ट्रिगर्स

निवेशकों की निगाहें 21 सितंबर से शुरू होने वाली US फेड की बैठक पर है. हालांकि, ज्यादातर एक्सपर्ट मान रहे हैं कि फेड इस बार भी दरों में बढ़ोतरी करेगा. क्योंकि बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए दरों में इजाफा करना ही विकल्प है. इसके अलावा स्विट्जरलैंड, दक्षिण अफ्रीका के केंद्रीय बैंकों की भी मीटिंग है. वर्ल्ड बैंक और IMF ने इकोनॉमिक ग्रोथ के अपने पूर्व अनुमान में कटौती की है. दूसरी ओर, अमेरिकी कंपनियां कमजोर नतीजों का गाइडेंस दे रही हैं.  इसके अलावा डॉलर इंडेक्स और US 10-ईयर बॉन्ड यील्ड की चाल पर भी नजर रहेगी. 

जियो-पॉलिटिकल टेंशन पर नजर

बाजार की नजर जियो-पॉलिटिकल टेंशन पर भी नजर होगी, जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन-ताइवान विवाद शामिल हैं. साथ ही बढ़ती महंगाई और ब्याज दरों में बढ़त से ग्लोबल ग्रोथ पर पड़ने वाले असर पर फोकस होगा. दूसरी ओर, मंदी की आशंका से कच्चे तेल पर भी दबाव देखने को मिल रहा है. इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें 90 डॉलर के करीब पहुंच गया है.