देश में बीते महीने महंगी धातुओं के दाम में गिरावट पर लिवाली बढ़ने से सोने (Gold) का आयात (Import) बढ़कर पिछले पांच महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर चला गया. भारत ने नवंबर में 78 टन सोना आयात किया जोकि मई के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. मई में भारत ने 106 टन सोने का आयात किया था. इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ने बताया कि दिवाली पर सोने की अच्छी लिवाली रही और उस समय जो स्टॉक में कमी आई उसकी भरपाई हुई है, इसलिए आयात में बढ़ोतरी हुई है.

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वहीं, केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि पिछले महीने सोने की कीमतों में नरमी रहने के कारण आयात में बढ़ोतरी हुई है. IBJA के आंकड़ों के मुताबिक, देश में सोने का आयात चालू कारोबारी साल में अप्रैल में 92 टन, मई में 106 टन, जून में 60 टन, जुलाई में 29 टन, अगस्त और सितंबर में 27-27 टन, अक्टूबर में 31 टन जबकि नवंबर में 78 टन रहा.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना महंगा होने और भारत में महंगी धातुओं पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी होने से जुलाई से लेकर अक्टूबर तक आयात में कमी आई, लेकिन कीमत घटने के कारण नवंबर में सोने के आयात में इजाफा हुआ.

इस साल जनवरी से लेकर नवंबर तक भारत ने 618 टन सोने का आयात किया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में सोने का आयात 684 टन हुआ था.

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई में वित्त वर्ष 2019-20 का पूर्ण बजट पेश करते हुए सोने पर आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी करने की घोषणा की थी. जुलाई के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने के दाम में जबरदस्त उछाल जिसके कारण आयात घट गया.

एक जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव 1,400 डॉलर प्रति औंस था, जबकि 31 अक्टूबर को 1,514 डॉलर प्रति औंस था. इन चार महीनों में चार सितंबर को सोने का भाव 1,566 डॉलर प्रति औंस तक उछला. लेकिन, नवंबर में सोने का भाव अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 1,448.90 डॉलर प्रति औंस तक गिरा.

वहीं, भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर 31 अक्टूबर को सोने का भाव 38,603 रुपये प्रति 10 ग्राम तक उछला था जबकि नवंबर में सोने के भाव का निचला स्तर 37,477 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा. इस प्रकार, सोने के दाम में नवंबर के दौरान 1,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से ज्यादा की नरमी रही.