भारतीय इस साल गोल्‍ड (Gold) में सबसे ज्‍यादा निवेश करेंगे. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WCG) की मानें तो भारत में इस साल सोने की डिमांड 700-800 टन रह सकती है. WCG के मुताबिक, भारत में सोने की डिमांड 2019 में पिछले साल से 9 फीसदी घटकर 690 टन रह गई, जिसकी मुख्य वजह सोने के दाम में भारी बढ़ोतरी रही, हालांकि 2020 में पीली धातु की मांग बढ़ने के आसार हैं. काउंसिल ने कहा कि भारत में इस साल सोने की मांग पिछले साल की 690 टन से बढ़कर 700-800 टन जा सकती है.

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भारत में WCG के प्रबंध निदेशक पीआर सोमासुंदरम ने कहा कि उद्योग को अधिक पारदर्शी और संगठित बनाने के लिए हम नीतिगत और उद्योग समर्थित पहल की उम्मीद करते हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही 15 जनवरी 2020 से हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है. हालांकि बिना हॉलमार्क वाले मौजूदा स्टॉक में बदलाव करने या उसे निकाले के लिए एक साल का समय दिया गया है.WCG के अनुसार, वैश्विक स्तर पर सोने मांग 2019 में एक फीसदी घटी, क्योंकि इटीएफ में निवेश काफी बढ़ा.

वहीं, केंद्रीय बैंकों की निवल खरीद 2019 में काफी अच्छी रही. सालाना कुल 650.3 टन की खरीद हुई, जोकि पिछले 50 साल में सालाना खरीद को दूसरा सबसे ऊंचा स्तर है. इसमें 15 केंद्रीय बैंकों ने अपने स्वर्ण भंडार में 2019 के दौरान करीब एक टन की बढ़ोतरी की.

अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर सोने के फरवरी अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 4.25 डॉलर यानी 0.27 फीसदी की कमजोरी के साथ 1,573.15 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था. इससे पहले सोमवार को सोने का भाव कॉमेक्स पर 1,585.75 डॉलर प्रति औंस तक उछला जोकि आठ जनवरी के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है जब सोने का भाव 1,613.30 डॉलर प्रति औंस चला गया था. कॉमेक्स पर चांदी के मार्च अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 2.34 फीसदी की गिरावट के साथ 17.63 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था.