निवेशकों के लिए गारंटीड स्‍कीम को लेकर बड़ा अपडेट है. अगर किसी ने ब्रोकर की गारंटीड रिटर्न स्कीम में पैसे लगाएं हैं और आगे जाकर पैसा फंस गया तो एक्सचेंज से हर्जाना नहीं मिलेगा. भले ही कोई सौदा एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म पर ही क्‍यों न हुआ हो. सिक्‍युरिटी अलीटेल ट्रिब्‍यूनल (SAT) ने एक मामले में फैसला देते हुए कहा कि गारंटी रिटर्न देना सेबी, एक्‍सचेंज नियमों के खिलाफ है. क्‍लाइंट को गारंटीड रिटर्न स्‍कीम पर एक्‍सचेंज से राहत नहीं मिली है. 

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SAT का अनुग्रह स्टॉक ब्रोकिंग के मामले में आदेश आया है. ट्रिब्‍यूनल ने आदेश में कहा कि गारंटीड रिटर्न देना सेबी, एक्सचेंज नियमों के खिलाफ है. ब्रोकर ने क्लाइंट को गारंटीड रिटर्न की स्कीम दी थी. क्लाइंट ने दलील थी कि NSE पर सौदा इसलिए मुआवजा मिलना चाहिए. 14 निवेशकों की SAT में अपील थी, जिस पर फैसला आया है. 

क्या था मामला

अनुग्रह स्टॉक एंड ब्रोकिंग की गारंटीड रिटर्न की स्कीम थी. ‘डेरिवेटिव्स एडवाइजरी सर्विसेज’ (DAS) नाम से स्कीम थी. गोल्ड,प्लेटिनम स्कीम थी. गोल्ड में 10 लाख और प्लेटिनम स्कीम में 1 करोड़ रुपये के निवेश की शर्त थी. प्‍लेटिनम प्लान में 1 साल लॉक इन और 12% रिटर्न की बात कही गई थी.

फोरेंसिक ऑडिट में भी DAS डेटा में क्लाइंट का नाम था. 26 नवंबर 2020 को अनुग्रह डिफाल्टर घोषित हुआ. डिफाल्ट के बाद ढेरों निवेशकों ने क्लेम दाखिल किया. क्लाइंट ने 58.71 लाख रु का क्लेम एक्सचेंज से मांगा था. एक्सचेंज की कमेटी ने पहले भी दावा खारिज किया था. इसके बाद यह मामला SAT में गया. SAT ने फिर विचार के लिए कहा था. फिर से दावा खारिज हुआ. अब इस मामले फिर SAT में आया था.