भारत-चीन तनाव के बीच बाजार में क्या करें? अनिल सिंघवी ने कहा- डरें नहीं, बस ध्यान रखें 2 बातें
बॉर्डर पर चीन के साथ तनाव से जो स्थिति है वो घरेलू शेयर बाजारों के लिए बड़ा ट्रिगर है. हालांकि, कल मार्केट क्लोजिंग से अब तक कुछ नया नहीं है.
शेयर बाजारों (Stock market) में लगातार कमजोरी बनी हुई है. हालांकि, बहुत बड़ी गिरावट नहीं दिख रही है. लेकिन, भारत-चीन का विवाद (India-China faceoff) और कोरोना वायरस की वैक्सीन का ट्रायल रुकने से ग्लोबल बाजारों (Global Market) में टेंशन बनी हुई है. बॉर्डर पर चीन के साथ तनाव से जो स्थिति है वो घरेलू शेयर बाजारों के लिए बड़ा ट्रिगर है. हालांकि, कल मार्केट क्लोजिंग से अब तक कुछ नया नहीं है. लेकिन, टेंशन अभी भी हाई हैं. वहां से किस तरह का असर बाजारों पर देखने को मिल सकता है.
ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी के मुताबिक, बाजारों को पढ़ने में एक गलती से जो निवेशक कर रहे हैं, वो है चीन के साथ तनाव की वजह से भारतीय बाजार कमजोर हो रहे हैं. ऐसा नहीं है. वो सिर्फ सावधानी और सतर्कता का संकेत है. हमारे बाजार अभी तक चीन की वजह से कमजोर नहीं हुए हैं. चीन के साथ तनाव की खबरें बाजार शुरू होने से पहले ही आ चुकी थी, लेकिन फिर बाजार ने पूरे दिन मजबूती के साथ ट्रेड किया. आखिरी घंटे में जो बिकवाली आई, वो नैस्डेक फ्यूचर्स के गिरने की वजह से आई.
अमेरिकी बाजारों के गिरने का असर
अनिल सिंघवी के मुताबिक, अमेरिकी बाजारों (US Market) के गिरने से भारतीय बाजारों में कमजोरी है. पिछले कुछ दिनों का चार्ट देखें तो निफ्टी (Nifty 50) ने 11794 का हाई बनाया है. वहीं, लो 11250 के आसपास रहा है. कुल 600 प्वाइंट की गिरावट है. अमेरिकी बाजार डाओ जोंस भी 600 प्वाइंट ही टूटा है. मतलब साफ है कि जितना अमेरिकी बाजार गिरे हैं, उतना ही आप गिर रहे हैं. अलग से कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है. कमजोरी जो दिखाई दे रही है, वो पूरी तरह से ग्लोबल मार्केट की वजह से है. घरेलू बाजार साफ तौर पर अमेरिकी बाजारों को फोलो कर रहे हैं. यही गिरने का कारण है.
चीन के साथ तनाव अस्थायी
अनिल सिंघवी के मुताबिक, चीन के तनाव की वजह से अगर गिरना होता तो हम ज्यादा गिरते. क्योंकि, गलवान घाटी वाला भी जब मामला सामने आया था, तब भी हम बने रिबाउंड होकर हाई बनाए थे. सबको यह समझ आता है कि चीन के साथ तनाव अस्थायी है. लड़ेंगे नहीं, छोटी मोटी घटनाएं होंगी, उससे सेंटीमेंट्स जरूर खराब होंगे. लेकिन, बहुत परेशानी वाली चीज होगी वैसा नहीं है. यही वजह है कि बाजार चीन के साथ तनाव को नजरअंदाज कर रहा है. आपको सतर्क रहना है, सावधान रहना है. ऐसा नहीं कि चीन के साथ तनाव को देखकर आप सबकुछ बेचकर बैठ जाएं और पोर्टफोलियो जीरो कर दें.
ट्रेडर्स और निवेशकों के लिए राय
अनिल सिंघवी का कहना है कि अगर आप निवेशक हैं तो घबराएं नहीं. बाजार में कमजोरी सिर्फ ग्लोबल मार्केट की वजह से है. चीन के साथ तनाव कम होते ही बड़ी तेजी आएगी. अगर आप ट्रेडर हैं तो लगातार हम कह रहे हैं कि अपनी पोजिशन को हल्का कीजिए. चीन के साथ तनाव की खबरें अगर आती भी हैं तो उसके सेंटीमेंट्स के हिसाब से ही रिएक्ट कीजिए. क्योंकि, जैसे ही तनाव की स्थिति काबू में दिखेगी, दोनों देश बात करेंगे और दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटेंगी तो बाजार में जबरदस्त उछाल देखने को मिलेगा. बाजार तेजी से भागेंगे. प्वाइंट ये ही है आपको अलर्ट रहना है. यह रिएक्शन भी थोड़ी देर के लिए होगा. बाजार वापस से नॉर्मल सिचुएशन में दिखेंगे.
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चीन का बाजार पर असर बहुत कम
अनिल सिंघवी के मुताबिक, चीन का मार्केट पर लिमिटेड असर है. लेकिन, असर को नजरअंदाज नहीं कर सकते. ट्रेडर के लिहाज से बिल्कुल भी नहीं. वोलैटिलिटी दिख सकती है. लेकिन, लॉन्ग टर्म में आपको ग्लोबल मार्केट के साथ ही चलना है. कल की दिक्कत यह थी कि बाजार में कल दोनों चीज एक साथ हुई. चीन के साथ तनाव की खबरें आई और ग्लोबल बाजार भी गिरे. लेकिन, तब से अब तक चीन के मामले में कोई बड़ी खबर नहीं आई है. ना अच्छी ना बुरी. अपने ट्रिगर्स पर ट्रेड न करें, सिर्फ ग्लोबल ट्रिगर्स पर ट्रेड करें.