स्टार्टअप्स (Startup) के लिए फंडिंग विंटर (Funding Winter) कहे जाने वाले इस दौर में दो लोगों ने नेटफ्लिक्स (Netflix) एक सीरीज देखी. वहां से उन्हें एक झटके में पैसे कमाने का एक कमाल का आइडिया सूझा. अपने उस आइडिया का इस्तेमाल कर के इन दोनों लोगों ने स्टार्टअप की दुनिया का सबसे बड़ा फंडिंग स्कैम (Funding Scam) किया. जिस वेब सीरीज से इन दोनों को ये स्कैम करने का आइडिया आया, उसका नाम है FYRE. यहां हम बात कर रहे हैं वर्ल्ड स्टार्टअप कन्वेंशन (World Startup Convention) की. स्टार्टअप स्कैम की सीरीज में आज हम आपको बताएंगे कि कैसे इन दो लोगों ल्यूक तलवार और अर्जुन चौधरी ने पीएम मोदी, एलन मस्क और नितिन गड़करी जैसे दिग्गज लोगों की फोटो दिखाकर स्टार्टअप की दुनिया में की करोड़ों रुपयों की लूट.

पहले जानिए FYRE की क्या है कहानी?

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नेटफ्लिक्स की डॉक्युमेंट्री FYRE की कहानी अमेरिका में हुई उस पार्टी पर आधारित है, जो कभी हुई ही नहीं. यह करीब 6 साल पहले हुआ एक स्कैम है, जो एक लग्जरी म्यूजिक फेस्टिवल के नाम पर किया गया था. ऑर्गेनाइजर्स ने वादा किया था कि यह बहामास के आइलैंड में होगा, जहां दुनिया के दिग्गज 33 आर्टिस्ट आएंगे, जो 2 हफ्तों में यहां परफॉर्म करेंगे. वहां पर लोगों को लग्जरी विला, लग्जरी खाने की चीजें देने का वादा किया गया. स्कैम को प्रमोट करने के लिए बड़ी-बड़ी पर्सनैलिटी का सहारा लिया था. इस वजह से बहुत सारे लोगों ने महंगी-महंगी टिकट खरीदी थी. जब लोग पार्टी के दिन वहां पहुंचे तो ना तो वहां दुनिया के दिग्गज आर्टिस्ट थे, जिनकी बात हो रही थी, ना ही लग्जरी विला. वहां पर लोगों के लिए टेंट लगे हुए थे, जिसमें खाने में सैंडविच मिल रहे थे. तब उन्हें समझ आया कि उनके साथ एक बड़ा स्कैम हो गया है. ठीक वैसा ही हुआ था ग्रेटर नोएडा के वर्ल्ड स्टार्टअप कन्वेंशन स्कैम में.

अब समझिए कैसे हुआ वर्ल्ड स्टार्टअप कन्वेंशन स्कैम

इसकी कहानी शुरू होती है 2022 में. ल्यूक तलवार (Luke Talwar) और अर्जुन चौधरी (Arjun Chaudhary) ने दुनिया का सबसे बड़ा फंडिंग इवेंट करने का सोचा. इस इवेंट में स्टार्टअप फाउंडर्स को दिग्गज निवेशकों के सामने अपनी पिच रखने का ऑफर मिला, जिससे उन्हें फंडिंग मिलने की बात कही. स्लोगन रखा गया- 'बहुत हुआ ज्ञान, अब फंडिंग की बारी है.' दावा किया गया कि ग्रेटर नोएडा में होने वाले इस इवेंट में 50 देशों से आए 75 हजार से भी अधिक स्टार्टअप, 1500 से भी अधिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर और 9000 से भी अधिक एंजेल इन्वेस्टर होंगे. यह भी कहा गया कि निवेशकों की कुल वेल्थ करीब 50 लाख करोड़ रुपये की है. इतना ही नहीं, पेटीएम, ओयो, अमेजन ग्लोबल सेलिंग, न्यूट्रिफेश जैसी बहुत सारी कंपनियों को पार्टनर बताया गया, जबकि ऐसा कुछ नहीं था.

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