अमेरिका की एक अदालत ने शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू को 1.2 अरब डॉलर का सावधि ऋण देने वाले कर्जदाताओं की याचिका खारिज कर दी है. इसमें अमेरिकी इकाई के खिलाफ अनिवार्य निषेधाज्ञा लगाने और 53.3 करोड़ डॉलर जमा करने का आदेश देने का अनुरोध किया गया था. 

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हालांकि, डेलावेयर की अदालत ने बायजू को 53.3 करोड़ डॉलर की ऋण राशि में किसी भी राशि को आगे स्थानांतरित करने या उपयोग करने से रोक दिया है. बायजू के वकील ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. ऋणदाताओं का दावा है कि बायजू की अमेरिकी इकाई ने कर्ज की राशि को कथित तौर पर किसी अज्ञात स्थान पर रखा है. 

कर्जदाताओं के समूह ने कहा कि अदालत ने पाया कि बायजू रवींद्रन और दिव्या गोकुलनाथ प्रतिवादियों - रिजू रवींद्रन, इंस्पिलर्न एलएलसी और कैंमसॉफ्ट कैपिटल फंड के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. बायजू ब्रांड का स्वामित्व रखने वाली कंपनी थिंक एंड लर्न ने कहा कि आदेश में यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा गया है और उक्त राशि उसकी एक सहायक कंपनी में सुरक्षित जमा रहेगी.