नई यूनिकॉर्न (Unicorn) कंपनियों से भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में एक लाख करोड़ डॉलर जुड़ने की संभावना है और ये कंपनियां पांच करोड़ नए रोजगार के अवसर भी मुहैया कराएंगी. उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने बृहस्पतिवार को जारी एक अध्ययन रिपोर्ट में यह अनुमान जताया. यह रिपोर्ट मैकिंजी एंड कंपनी के सहयोग से तैयार की गई है. एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य वाली स्टार्टअप (Startup) कंपनियों को ‘यूनिकॉर्न’ के रूप में वर्गीकृत किया जाता है. 

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सीआईआई की रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2029-30 तक भारत की अर्थव्यवस्था सात लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने और उसमें स्टार्टअप कंपनियों का योगदान एक लाख करोड़ डॉलर होने की कल्पना की गई है. इससे देश में पांच करोड़ से अधिक रोजगार अवसर पैदा होंगे. रिपोर्ट कहती है कि खुदरा और ई-कॉमर्स, अगली पीढ़ी की वित्तीय सेवाएं, विनिर्माण और सॉफ्टवेयर सेवा एवं डिजिटल जैसे क्षेत्र आने वाले वर्षों में बड़े पैमाने पर वृद्धि को गति देने के लिए तैयार हैं. 

भारत में पहली बार किसी प्रौद्योगिकी-आधारित कंपनी को यूनिकॉर्न का दर्जा 2011 में मिला था. एक दशक में ही भारत ने 100 यूनिकॉर्न का आंकड़ा पार कर लिया है. जनवरी, 2024 तक मौजूद 113 यूनिकॉर्न कंपनियों का संयुक्त मूल्यांकन 350 अरब डॉलर है. उद्योग निकाय ने कहा कि 100 से अधिक यूनिकॉर्न का उदय एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जिसका श्रेय कई महत्वपूर्ण कारकों को दिया जाता है. 

इसमें डिजिटल रूप से कुशल युवा आबादी, मोबाइल इंटरनेट तक व्यापक पहुंच, मध्यम वर्ग की वृद्धि और एक मददगार नियामकीय ढांचे की मौजूदगी शामिल है. सीआईआई के अध्यक्ष आर दिनेश ने कहा कि स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र नवाचार, जुझारू क्षमता और परिवर्तनकारी विचारों के धागों से बुना हुआ एक जीवंत चित्र है.

'स्टार्टअप की फंडिंग घरेलू स्तर पर हो'

जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय स्टार्टअप आंदोलन विदेशी पूंजी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और इसे भारतीय वित्तपोषण के जरिये आगे बढ़ाया जाना चाहिए. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के यूनिकॉर्न शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांत ने कहा कि देश को प्रौद्योगिकी आधारित नई स्टार्टअप कंपनियों का समर्थन करने के लिए कोषों का एक कोष बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यूनिकॉर्न देश की राष्ट्रीय संपत्ति हैं. 

एक अरब डॉलर से अधिक के मूल्यांकन वाली स्टार्टअप इकाइयों को 'यूनिकॉर्न' कहा जाता है. इसके साथ ही कांत ने कहा कि स्टार्टअप इकाइयों को वृद्धि के लिए कामकाज के संचालन पर ध्यान देना होगा, अन्यथा वे संकट में फंस जाएंगी. उन्होंने कहा कि महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में पुरुषों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं और अगर भारत 2047 तक 35,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना चाहता है, तो इसमें महिलाओं की बड़ी भूमिका होगी.