Byju's की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. आने वाले दिनों में इसकी मुसीबत और बढ़ सकती है. रीजनल डायरेक्टर ने Byju's पर अपनी रिपोर्ट MCA को सौंप दी है. रीजनल डायरेक्टर को जांच में 15 से ज्यादा कंपनीज़ एक्ट के उल्लंघन मिले हैं, जो कंपनी के लिए किसी बुरी खबर से कम नहीं है. कंपनी की जांच में उन्हें कई फाइनेंशियल गड़बड़ियां मिली हैं, जिन पर आने वाले दिनों में MCA कोई फैसला ले सकता है. यह भी उम्मीद की जा रही है कि इस मामले की जांच SFIO को सौंपी जा सकती है. इतना ही नहीं, यह भी आशंका जताई जा रही है कि फाइनेंशियल गड़बड़ियों की जांच MCA खुद भी कर सकता है.

मुख्यालय छोड़कर बंद किए सारे ऑफिस

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पिछले कई सालों से संकट में फंसी बायजू ने अपनी सभी कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कह दिया है. कंपनी ने बेंगलुरु के अपने हेड ऑफिस को छोड़कर बाकी सारे ऑफिस भी बंद कर दिए हैं. अभी कंपनी के कर्मचारियों को कब तक घर से काम करना होगा, इसे लेकर कुछ भी जानकारी नहीं दी गई है.

20 हजार कर्मचारियों की बकाया सैलरी चुकाई

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक कंपनी ने अपने 20 हजार से अधिक कर्मचारियों के लंबित वेतन का एक हिस्सा देने वाली कंपनी ने लीज समाप्त होने के कारण कार्यालयों को छोड़ दिया है. कंपनी ने केवल बेंगलुरु स्थित मुख्यालय को अपने पास रखा है. कार्यालय छोड़ने का कदम बायजू के भारत के सीईओ अर्जुन मोहन के नकदी बचाने के पुनर्गठन अभ्यास का हिस्सा है. कंपनी ने हाल ही में बंद हुए राइट्स इश्यू से हासिल फंड का उपयोग करने की इजाजत मिलने पर शेष राशि का भुगतान करने का वादा किया है. 

आईएएनएस को मिले कर्मचारियों को लिखे एक पत्र में कंपनी ने कहा, "राइट्स इश्यू फंड उपलब्ध होने के बाद कंपनी शेष राशि का भुगतान करेगी, जिसकी हमें जल्द ही उम्मीद है." कंपनी ने पत्र में यह भी कहा, "अंतरिम रूप से हमने यह सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक फंडिंग की व्यवस्था की है, ताकि आपका दैनिक जीवन बाधित न हो."

निचले स्तर के कर्मचारियों को दी जा रही पूरी सैलरी

कंपनी ने निचले स्तर के कर्मचारियों को पूरा भुगतान किया. जबकि मध्यम से वरिष्ठ कर्मचारियों को वेतन के एक हिस्से भुगतान किया. कंपनी ने कहा कि 11 मार्च को कर्मचारियों के खातों में वेतन आने की उम्मीद है क्योंकि वीकेंड और दूसरे शनिवार के कारण इसमें देरी हुई.

इससे पहले सूत्रों ने कहा था, "कंपनी कर्मचारियों को वर्तमान स्थिति की वजह से वेतन देने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि वीकेंड में बैंक भी बंद रहते हैं." नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की बेंगलुरु पीठ ने बायजू को आदेश दिया था कि राइट्स इश्यू से प्राप्त आय को निवेशकों के साथ मामले के निपटान तक एक अलग खाते में रखा जाए. यह लगभग 25-30 करोड़ डॉलर है.