केंद्र सरकार की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के कारण सितंबर तक 95 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है, इसके परिणामस्वरूप 7.80 लाख करोड़ रुपये के सामान का उत्पादन हुआ है. यह जानकारी मंगलवार को वाणिज्य उद्योग विभाग ने दी. 14 क्षेत्रों में शुरू की गई पीएलआई योजनाओं ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 6.4 लाख से अधिक रोजगार पैदा किए हैं.

निर्यात बढ़ा, मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग भी ज्यादा

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निर्यात को 3.20 लाख करोड़ रुपये का बढ़ावा मिला है. बयान में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 में लगभग 2,900 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन वितरित किया गया है. तीन साल की अवधि में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में 20 प्रतिशत का वैल्यू एडिशन हुआ है. मंत्रालय की तरफ से जुटाए आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 101 बिलियन अमेरिकी डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में स्मार्टफोन का योगदान 44 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है, इसमें 11.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात भी शामिल है.

कई मामलों में आत्मनिर्भर हुआ भारत

दूरसंचार क्षेत्र में 60 प्रतिशत का आयात प्रतिस्थापन हासिल किया गया है और भारत एंटीना, जीपीओएन (गीगाबिट पैसिव ऑप्टिकल नेटवर्क) और सीपीई (ग्राहक परिसर उपकरण) में लगभग आत्मनिर्भर हो गया है. फार्मा सेक्टर में कच्चे माल के आयात में उल्लेखनीय कमी आई है. भारत में पेनिसिलिन-जी सहित अद्वितीय मध्यवर्ती सामग्री और थोक दवाओं का निर्माण किया जा रहा है, और सीटी स्कैन, एमआरआई इत्यादि जैसे चिकित्सा उपकरणों के निर्माण में प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण हुआ है.

ड्रोन सेक्टर 7 गुना उछला

ड्रोन सेक्टर के टर्नओवर में सात गुना उछाल देखा गया है, इसमें सभी एमएसएमई स्टार्टअप शामिल हैं. बयान में बताया गया है कि खाद्य प्रसंस्करण के लिए पीएलआई योजना के तहत, भारत से कच्चे माल की सोर्सिंग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, इससे भारतीय किसानों और एमएसएमई की आय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.

एसी और एलईडी लाइट के चलते 64 कंपनियों में निवेश

एसी और एलईडी लाइट जैसी सफेद वस्तुओं के लिए पीएलआई योजना में 64 कंपनियों ने निवेश किया है, जो कुल मिलाकर 5,429 करोड़ रुपये है. लगभग 48,000 व्यक्तियों के लिए अतिरिक्त प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने वाले क्षेत्र में 6,766 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश की परिकल्पना की गई है.

योजना अवधि के दौरान शुद्ध वृद्धिशील उत्पादन 1.23 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है. जबकि 13 विदेशी कंपनियां इस योजना के तहत 2,090 करोड़ रुपये का निवेश कर रही हैं, अन्य 23 एमएसएमई आवेदकों ने योजना के तहत 1,042 करोड़ रुपये का निवेश किया है.

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 1,266 करोड़ रुपये के निवेश की तुलना में सितंबर तक लाभार्थियों द्वारा 2,084 करोड़ रुपये का वास्तविक निवेश किया गया है, जो योजना की सफलता को दर्शाता है.