भारतीय डाक (India Post) ने शुक्रवार को ई-कॉमर्स (E-commerce) कारोबार में पूरी तरह से उतरने की घोषणा की. इसमें उत्पादों की डिलीवरी के लिये वह अपने पार्सल कारोबार नेटवर्क का लाभ उठायेगा. दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने संवाददाताओं को बताया, 'हमने अलग पार्सल निदेशालय की स्थापना करके डाक विभाग द्वारा निर्णय-लेने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है." यह निदेशालय पार्सल दरों और संबंधित प्रावधानों पर तुरंत फैसला ले सकता है. भारतीय डाक ई-कॉमर्स सेवाओं के लिये घर-घर जाकर डिलीवरी करने के लिये अपने व्यापक नेटवर्क का लाभ उठा सकेगा.' सिन्हा ने भारतीय डाक का ई-कॉमर्स पोर्टल भी पेश किया. भारत के ई-कॉमर्स बाजार में अमेजॉन (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) का दबदबा है. ऐसे में भारतीय डाक के ई-कॉमर्स क्षेत्र में सीधे उतरने से इन कंपनियों को तगड़ी चुनौती मिलने वाली है. इसकी वजह है कि भारतीय डाक का पूरे भारत में विशाल नेटवर्क है.

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होंगे तेजी से फैसले

इससे पहले पार्सल डिलीवरी दरों या प्रतिद्वंदी कंपनियों की सेवा से मुकाबले के लिये दरों में बदलाव करने के लिये शीर्ष अधिकारियों से मंजूरी लेनी होती थी. इसमें ज्यादा समय लगता था. सिन्हा ने कहा, 'ई-कॉमर्स व्यवसाय के लिये सभी विक्रेता अपना पंजीकरण भारतीय डाक पर करा सकते हैं. भारतीय डाक वेंडरों से उत्पाद लेकर ग्राहकों तक उत्पादों को पहुंचायेगा.'

वापसी भी हो सकेगी

उन्होंने कहा कि 1.55 लाख डाक घरों के माध्यम से भारतीय डाक का डिलीवरी नेटवर्क दूर-दराज तक के गांवों में है. भारतीय डाक के सचिव ए एन नंदा ने कहा, 'हम उत्पादों की वापसी की सुविधा भी प्रदान करेंगे जैसी सुविधा ग्राहकों को अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर मिलती है.' सिन्हा ने कहा कि विभाग उत्पादों की डिलीवरी पर कड़ाई से निगरानी करेगा.