Google की तरफ से Startup Accelerator Programme की घोषणा कर दी गई है. कंपनी ने कहा है कि वह अपने आठवें ग्रुप के लिए आवेदन आमंत्रित कर रहा है. यह 3 महीने का कार्यक्रम है, जिसके लिए सीड फंडिंग से लेकर सीरीज ए तक की फंडिंग वाले भारतीय स्टार्टअप (Indian Startups) आवेदन कर सकते हैं. इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आवेदन की आखिरी तारीख 22 अगस्त, 2023 है. आइए जानते हैं इसके बारे में.

क्या है Google for Startups Accelerator प्रोग्राम?

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गूगल जटिल समस्याओं को हल करने वाले और अपनी इंडस्ट्री में सबसे मुश्किल चुनौती से निपटने के लिए काम करने वाले एआई-फर्स्ट स्टार्टअप की तलाश कर रहा है. गूगल जिन भी स्टार्टअप को चुनेगा, उन्हें प्रोडक्ट, डिजाइन, डेवलपमेंट समेत तमाम विषयों पर मार्गदर्शन देगा और ट्रेनिंग मुहैया कराएगा. एक्सेलेरेटर प्रोग्राम का सातवां ग्रुप जून 2023 से चल रहा है. इस ग्रुप में लाइमचैट, कुरोज और हेल्थ एआई जैसे 20 स्टार्टअप हैं. जो भारतीय स्टार्टअप आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के तहत काम कर रहे हैं, उनके लिए गूगल इंडिया का ये एक्सेलेरेटर बड़े काम का प्रोग्राम है.

स्टार्टअप के मामले में भारत पूरी दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा देश है. भारत सिर्फ अमेरिका और चीन से पीछे है. देश में अभी तक करीब 108 यूनिकॉर्न बन चुके हैं, जिनमें से 22 यूनिकॉर्न तो सिर्फ 2022 में ही बने हैं. ये स्टार्टअप ई-कॉमर्स, हेल्थटेक, फिनटेक, एग्रीटेक से लेकर तमाम सेक्टर में फैले हुए हैं. भारत में अभी करीब 1 लाख स्टार्टअप्स रजिस्टर्ड हैं.

तेजी से बढ़ रहे हैं एआई स्टार्टअप

आज के वक्त में आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस यानी एआई (AI) बहुत खास हो चुका है. हर तरह के बिजनेस में इसके इस्तेमाल की कोशिश हो रही है. बहुत सारे तो ऐसे स्टार्टअप (Startup) हैं जिनके बिजनेस मॉडल (Business Model) का आधार ही एआई या एआई ही उनका बिजनेस मॉडल है. ChatGPT से लेकर Generative AI तक भारत स्टार्टअप ईकोसिस्टम पर छा गए हैं. ऐसे में एआई अब वेंचर कैपिटलिस्ट (VC) के भी खास बन गए हैं. वह एआई स्टार्टअप्स (AI Startups) में अर्ली स्टेज फंडिंग के जरिए निवेश कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें आने वाले वक्त में इनमें तगड़ा मुनाफे बनाने के मौके दिख रहे हैं.

अगर हम वेंचर कैपिटलिस्ट की तरफ से किए गए पूरे निवेश को देखें तो उसका करीब 15 फीसदी तो सिर्फ एआई स्टार्टअप्स में हुआ है. यह आंकड़ा इस साल शुरुआती 5 महीनों यानी जनवरी से लेकर मई तक के वीसी निवेश का है., जिसे रिसर्च फर्म Venture Intelligence ने जारी किया है. अगर पिछले साल की बात करें तो यह आंकड़ा महज 10 फीसदी ही था.