दिल्ली में स्टार्टअप (startup) की नई नीति के लिए परामर्श प्रक्रिया शुरू की गई है. स्टार्टअप के लिए दिल्ली को एक शानदार विकल्प के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके के लिए युवा उद्यमियों के साथ दिल्ली सरकार ने एक अहम बैठक बुलाई. दिल्ली सरकार जल्द ही एक स्टार्टअप नीति का मसौदा भी जारी करेगी. स्टार्ट-अप पॉलिसी पर आम जनता से इनपुट लेने के लिए एक ऑनलाइन फोरम शुरू किया जाएगा.

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सितंबर 2019 की एक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) ने कहा कि इस क्षेत्र से 7,000 से अधिक स्टार्ट-अप के साथ, दिल्ली देश में एक्टिव स्टार्ट-अप की संख्या में सबसे आगे है. दिल्ली स्टार्ट-अप का मूल्यांकन है 50 बिलियन डॉलर का है. 

रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर 12,000 स्टार्ट-अप के साथ वर्ष 2025 तक लगभग 150 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन के साथ टॉप पांच ग्लोबल स्टार्ट-अप हब में से एक बन सकता है.

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दिल्ली सरकार के मुताबिक, इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य उद्यमियों का समर्थन करना और एक मजबूत आर्थिक और बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है. यह प्रक्रिया नई नौकरियां पैदा करेगी और वर्तमान आर्थिक सिस्टम में नया कंपटिशन लाएगी. स्टार्टअप नीति परामर्श दो चरणों में आयोजित किया जाएगा. सबसे पहले दिल्ली सरकार ने स्टार्टअप नीति का मसौदा का इनपुट लेने के लिए विभिन्न उद्योग क्षेत्रों के नेतृत्व, उद्यमियों और नीति विशेषज्ञों को आमंत्रित किया.