प्लास्टिक (plastic) के इस्तेमाल के खिलाफ इस समय पूरे देश में अभियान चल रहा है. 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) सिंगल यूज प्लास्टिक (single use plastic) पर पूरी तरह रोक लगाने जा रहे हैं. एक तरफ जहां प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को जागरुक किया जा रहा है वहीं, प्लास्टिक के स्थान पर इस्तेमाल होने वाली नई-नई चीजें ईजाद हो रही हैं. प्लास्टिक की बोतल के विकल्प के तौर पर अब बांस की बोतल तैयार की गई है. बांस की इस बोतल (bamboo bottle) को खादी ग्रामोद्योग आयोग (Khadi and Village Industries Commission) ने तैयार किया है. बांक की बोतलों को प्लास्टिक बोतलों के स्थान पर इस्तेमाल किया जा सकता है. खादी स्टोर में इस बोतल की बिक्री शुरू करने जा रहा है.

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एमएसएमई मंत्रालय (MSME) बांस की बोतल बनाने को बढ़ावा दे रहा है. केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बांस की इस बोतल को एक कार्यक्रम के दौरान लॉन्च कर दिया है. इन बोतलों को घर में बड़ी आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है. इन बोतलों की क्षमता 750 एमएल से लेकर 1 लीटर तक है और इनकी कीमत 300 रुपये से शुरू होती है. एक लिटर बोतल की कीमत 560 रुपये है.

कभी खराब नहीं होगी बांस की बोतल

खादी ग्रामोद्योग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना के मुताबिक, इस बोतल को बनाने के लिए त्रिपुरा के जंगलों का बांस इस्तेमाल किया जा रहा है. ये बोतल कभी खराब नहीं होगी. इस बोतल का पानी भी नेचुरल रहेगा. बांस का पानी सेहत के लिए अच्छा होता है.

 

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मिट्टी के कुल्हड़

खादी ग्रामोद्योग आयोग प्लास्टिक के इस्तेमाल के खिलाफ अपनी तैयारी पहले ही कर चुका है. आयोग ने मिट्टी के कुल्हड़ (kulhad) तैयार करवाने शुरू कर दिए हैं. 1 करोड़ से ज्यादा कुल्हड़ तैयार हो चुके हैं. 

मिल रहा है रोजगार

खादी ग्रामोद्योग (Khadi Gramodyog) की इस पहल पर बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है. मिट्टी के कुल्हड़ और बांस की बोतल बनाए जाने से इस क्षेत्र में लगे लोगों को फिर से रोजगार मिल रहा है. इतना ही नहीं बड़ी संख्या में लोग इन कामों में शामिल भी हो रहे हैं.