देश की पहली इंजन रहित सेमी हाई स्पीड रेलगाड़ी का दूसरा रेक बन कर दिल्ली पहुंच चुका है. फिलहाल इस ट्रेन को दिल्ली के तुगलकाबाद स्टेशन पर रखा गया है. ट्रायल के बाद इस रेक को भी नियमित तौर पर चलाया जाएगा. इस ट्रेन को भी रेलवे की चेन्नई स्थित कोच फैक्ट्री ICF ने तैयार किया है. दिल्ली से वाराणसी के बीच चल रही वंदे भारत एक्सप्रेस को चलाए जाने के बाद मिले अनुभव के आधार पर इन नए रेक को और बेहतर बनाए जाने की कोशिश की गई है.

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दिल्ली - वाराणसी के बीच चलेगी ये ट्रेन

रेलवे की ओर से इस नए रेक को भी दिल्ली से वाराणसी के बीच ही चलाया जाएगा. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाई जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस का शिड्यूल बहुत टाइट है. इस गाड़ी का बेहतर परिचालन हो सके इसके लिए इस नए रेक को भी इसी रूट पर अतिरिक्त रेक के तौर पर चलाया जाएगा. एक और रेक मिल जाने से इस ट्रेन को समय पर चलाने में काफी सहूलियत होगी.

ट्रेन में किए गए हैं कई बदलाव

वंदे भारत एक्सप्रेस के नए रेक में कई बदलाव किए गए हैं. इस ट्रेन में पेंट्री की जगह को बढ़ाया गया है. वहीं पत्थरबाजों से बचाने के लिए इस ट्रेन की खिड़कियों में खास शीशों का प्रयोग किया गया है. इन पर पत्थर मारे जाने पर शीशा नहीं टूटेगा . वंदे भारत ट्रेन को चलाए जाने के दौरान आए दिन ट्रेन से जानवर टकराने की घटना सामने आती थी. इसको ध्यान में रखते हुए इस ट्रेन में कैटलगार्ड लगाया गया है.

1 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी ट्रेन

नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चल रही पहली सेमी हाई स्पीड रेलगाड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस (Train 18) ने अपने तीन महीने के सफर में लगभग 1 लाख किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुकी है. वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन 15 फरवरी 2019 को शुरू हुआ था. यह रेलगाड़ी रेलवे के तीन जोन उत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे व पूर्वोत्तर रेलवे से हो कर गुजरती है. NCR जोन में यह ट्रेन इलाहाबाद मंडल में छिपियाना बुजुर्ग से इलाहाबाद जंक्शन के बीच 600 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करती है. इस दौरान इस रेलगाड़ी की औसत स्पीड लगभग 104 किलोमीटर प्रति घंटा तक रहती है.