भारतीय रेलवे (Indian Railways) पर्यावरण संरक्षण (Environmental Protection) और रीन्यूएबल एनर्जी (Renewable energy) के क्षेत्र में कई काम कर रही है. हाल ही में रेलवे ने सोलर एनर्जी (Solar energy) से ट्रेन चलाने का प्रयोग किया है. अब रेलवे प्लास्टिक के कचरे की समस्या को खत्म करने के लिए एक अनोखा प्रयोग किया है. रेलवे ने प्लास्टिक के कचरे (Plastic waste) को सड़क बनाने में इस्तेमाल करना शुरू किया है.

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प्लास्टिक के कचरे से बनाई सड़क 

भारतीय रेलवे ने कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री (RCF Kapurthala) की कॉलोनियों में डामर में प्लास्टिक का कचरा मिला कर सड़क बनाने का काम शुरू किया है. इससे एक तरफ जहां सड़क बनाने के खर्च में कमी आई है वहीं प्लास्टिक के कचरे का भी आसानी से निस्तारण हो रहा है.

आने वाले दिनों में इस तरह से और सड़कें बनेंगी

आने वाले दिनों में भारतीय रेलवे की अन्य कॉलोनियों और स्टेशन के परिसर में भी इस तरह के प्रयोग होते देखे जा सकेंगे. गौरतलब है कि आज प्लास्टिक का कचरा पर्यावरण के लिए एक बड़ी मुश्किल बनता जा रहा है.

बैटरी से चलने वाला इंजन बनाया 

भारतीय रेलवे (Indian Railways) के जबलपुर मंडल (Jabalpur Division) में बैटरी से चलने वाला  ड्यूल मोड शंटिंग लोको 'नवदूत' बनाया है. रेलवे इस इंजन का सफर ट्रायल कर रहा है. रेलवे में इसे बड़ी बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है. आने वाले दिनों में रेलवे में इस तरह के और इंजन देखे जा सकते हैं.

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2030 तक ‘नेट जीरो कार्बन एमिशन नेटवर्क’ तैयार होगा

रेलवे ने 2030 तक ‘नेट जीरो कार्बन एमिशन मास ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क’ तैयार करने का लक्ष्य रखा है. इस दिशा में भी ये बड़ा कदम माना जा रहा है. West central rail ने जबलपुर स्टेशन (Jabalpur station) के प्लेटफार्मों पर खास सिस्टम लगाया है. इसके तहत ट्रेन नहीं होने पर स्टेशन की 70 फीसदी लाइट अपने आप बंद हो जाएगी सिर्फ 30 फीसदी लाइट ही चालू रहेगी.

 

ट्रेनों को सोलर एनर्जी से चलाने की है तैयारी

भारतीय रेलवे (Indian Railways) ट्रेनों को सोलर एनर्जी (Solar energy) से चलाने की तैयारी कर रहा है. हाल ही में रेलवे ने इस दिशा में बड़ा प्रयोग किया है. रेलवे ने पायलट प्रोजेक्ट (pilot project) के तहत मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बीना (Bina) में सोलर पावर प्लांट (solar power plant) लगाया है. ये प्लांट रेलवे की खाली पड़ी जमीन (Railway Land) पर लगाया गया है. इस सोलर प्लांट से 1.7 मेगा वाट की बिजली का उत्पादन होगा और इस प्लांट से बनने वाली बिजली से ट्रेनें चलाई जाएंगी. रेलवे अगले 15 दिन  में बीना सोलर पावर प्लांट भारतीय रेलवे के लिए कमीशन यानी चालू कर दिया जाएगा.