भारतीय रेलवे डीजल पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए पूरे रेल रेल नेटवर्क में तेजी से इलेक्ट्रिफिकेशन का काम कर रहा है. रेलवे ने 100% इलेक्ट्रिफिकेशन दिशा में बड़ा कदम उठाया है. रेलवे ने अपने नेटवर्क से अगले 5 साल में करीब 2700 डीजल इंजन को हटाने का ऐलान किया है. इन डीजल इंजनों की जगह इलेक्ट्रिक इंजन चलाए जाएंगे.  

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रेलवे मंत्रालय ने पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड CPCB को लिखी चिट्ठी में अगले 5 साल का रेलवे का रोडमैप शेयर किया है. रेलवे को इस कदम से हर साल करीब 2000 करोड़ रुपए की बचत का अनुमान है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दिसंबर 2022 तक मिशन 100% इलेक्ट्रिफिकेशन को हासिल करने का लक्ष्य रखा है.

रेलवे की ओर से मिशन इलेक्ट्रिफिकेशन पर ज़ोर दिए जाने से Alstom, BHEL जैसी कंपनियों को फायदा होगा. वहीं इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलने से रेलवे के भी गाड़ी चलाने के खर्च में कमी आएगी.  

पॉल्युशन बोर्ड CPCB को सौंपे रोडमैप के तहत रेलवे 2024 तक हर साल इतने इंजन डीजल इंजन हटाएगा.  

  • 2020 - 21    970
  • 2021 - 22   360
  • 2022 - 23   365
  • 2023 - 24    505
  • 2024 - 25    49

रेलवे में इलेक्ट्रिफिकेशन से सरकारी कंपनी Bhel के लिए बड़े अवसर पैदा हुए हैं. इस कंपनी को आने वाले दिनों में 32000 से 35000 करोड़ रुपये तक के इंजन बनाने के मौके मिल सकते हैं.  

भारतीय रेलवे ने साल 2030 तक ग्रीन रेलवे में बदलने का लक्ष्य रखा है. ऐसा मकाम हासिल करने वाली भारतीय रेल दुनिया की पहली रेलवे होगी. रेल मंत्रालय ने ग्लोबल वार्मिंग को कम करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कई बड़ी पहल की है. रेलवे ने 40,000 से अधिक रूट किमी (आरकेएम) का विद्युतीकरण पूरा कर लिया है, जिसमें 2014-20 के दौरान 18,605 किलोमीटर का विद्युतीकरण कार्य किया गया है. इससे पहले, 2009-14 की अवधि के दौरान केवल 3,835 किमी विद्युतीकरण का काम पूरा हुआ था.

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भारतीय रेलवे ने साल 2020-21 के लिए 7,000 आरकेएम के विद्युतीकरण का लक्ष्य तय किया है. ब्रॉड गेज (बीजी) नेटवर्क पर सभी मार्गों को दिसंबर 2023 तक विद्युतीकृत करने की योजना बनाई गई है. रेलवे अंतिम मील कनेक्टिविटी के विद्युतीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. इसे ध्यान में रखते हुए, कोरोना वायरस की अवधि के दौरान 365 किमी के प्रमुख कनेक्टिविटी कार्य को चालू किया गया है.