देश की सबसे आधुनिक ट्रेन Train 18 का बुधवार को रेल मंत्री पियूष गोयल ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर निरीक्षण किया. इस मौके पर रेल मंत्री ने बताया कि इस ट्रेन को जनवरी के दूसरे सप्ताह तक नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाया जा सकता है. इस गाड़ी को चलाने के लिए प्रधानमंत्री से समय मांगा गया है. समय मिलते ही इस गाड़ी को चलाने को ले कर आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी. यह ट्रेन लगभग 130 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलेगी. रास्ते में यह गाड़ी सिर्फ कानपुर व इलाहाबाद रेलवे स्टेशनों पर रुकेगी. मात्र 08 घंटे में यह गाड़ी दिल्ली से वाराणसी पहुंचेगी. उसी दिन यह गाड़ी वाराणसी से वापस दिल्ली भी आएगी. वर्तमाना समय में रेलगाड़ियों को दिल्ली से वाराणसी की दूरी तय करने में औसतन 11 से 12 घंटे का समय लगता है. इस ट्रेन को चलाने को ले कर कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की ओर से कुछ सुझाव दिए गए थे जिन पर रेलवे की ओर से काम किया जा रहा है. गौरतलब है कि Train 18 का परीक्षण दिल्ली इलाहाबाद रूट पर पहले की किया जा चुका है.

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ट्रेन-18 का ये होगा रूट

इस रेलगाड़ी के रास्ते में बहुत कम स्टॉपेज होंगे. यह गाड़ी नई दिल्ली से चलने के बाद कानपुर और इलाहाबाद और फिर वाराणसी रेलवे स्टेशन पर रुकेगी. टी-18 को नई दिल्ली से इलाहाबाद के बीच दिल्ली हावड़ा रूट पर ही चलाया जाएगा. इसके बाद यह गाड़ी भदोही हो कर गुजरेगी. दरअसल, दिल्ली-हवाड़ा रूट पर गाड़ियों की संख्या पहले से ही मानकों से अधिक है. इसीलिए इस गाड़ी को इस रूट से चलाया जा रहा है.

सभी पैमानों पर पास हुई ट्रेन 18

कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की ओर से नई दिल्ली से आगरा के बीच चलाई गई Train 18 लगभग सभी पैमानों पर पास हो गई है. कमिश्नर रेलवे सेफ्टी के अनुसार यह गाड़ी यात्रा के लिए काफी आरामदायक है. इस जांच के दौरान गाड़ी को 181 किलोमीटर प्रति घंटा की गति पर चलाया गया. जांच के बाद कमिश्नर रेलवे सेफ्टी काफी संतुष्ट दिखे. हालांकि उन्होंने गाड़ी में छोटे-मोटे सुधार करने की भी बात कही है.

जल्द ही देशभर में दिखेगी Train 18

Train 18 के बेहतरीन प्रदर्शन से उत्साहित रेल मंत्रालय ने 4 और T-18 ट्रेन बनाने का ऑर्डर दिया है. रेल मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में Train 18 को तैयार करने वाली रेलवे की चैन्नई स्थित कोच फैक्ट्री ICF को मार्च के पहले 4 और Train-18 ट्रेनें बनाने के ऑर्डर दिए गए हैं. इन रेलगाड़ियों को देश के विभिन्न हिस्सों में चलाया जाएगा.

टी-18 की खूबियां

टी-18 ट्रेन में यूरोप में चलने वाली आधुनिक गाड़ियों की तरह तमाम खूबियां हैं. यह रेलगाड़ी देश की पहली ट्रेन सेट है. इसमें इंजन लगाने की जरूरत नहीं है. पहले कोच में ड्राइवर के लिए अलग केबिन है. प्लेटफॉर्म से गाड़ी में चढ़ने के लिए ट्रेन में एक ऐसा प्लेटफॉर्म दिया गया है जो अपने-आप एडजस्ट हो जाता है. इस रेलगाड़ी का ऐरोडियानिमिक डिजाइन इसकी स्पीड बढ़ाने की मदद करता है. गाड़ी में कुल 16 कोच हैं, जिनमें 2 एक्जीक्यूटिव क्लास के कोच हैं.

इस ट्रेन में हैं ये सुविधाएं

एक्जीक्यूटिव क्लास के डिब्बों में 52 सीटें और अन्य कोचों में 78 सीटें हैं. इस रेलगाड़ी को शताब्दी रेलगाड़ियों की जगह पर चलाया जाएगा. इस ट्रेन में सभी डिब्बों में आपातकालीन टॉक-बैक यूनिट्स (जिससे यात्री आपातकाल में ट्रेन के क्रू से बात कर सकें) दिया गया है, साथ ही सीसीटीवी लगाए गए हैं, ताकि सुरक्षित सफर हो.