Railways increases ex gratia: रेलवे बोर्ड ने ट्रेन दुर्घटना के पीड़ितों को एक बड़ी राहत देते हुए घायलों और मृतकों के परिवारजनों के मिलने वाले मुआवजे (ex gratia) की राशि को 10 गुना बढ़ा दिया है. पीड़ितों को मिलने वाले इस मुआवजे को आखिरी बार 2012 और 2013 में संशोधित किया गया था. 18 सितंबर को रेलवे बोर्ड (Railway Board) द्वारा जारी एक सर्कुलर के मुताबिक, अब ट्रेन दुर्घटनाओं में मृत और घायलों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को रिवाइज करने का फैसला लिया गया है. 

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रेलवे के इस सर्कुलर में कहा गया है कि 18 सितंबर से ये लागू हो जाएगी. सर्कुलर के मुताबिक, ट्रेन दुर्घटना का शिकार होने वाले सड़क पर चलने वाले आम आदमी के लिए भी अनुग्रह राशि को बढ़ा दिया गया है. इसमें मानवयुक्त समपार फाटक में प्रथम दृष्टया रेलवे की गलती से हुए दुर्घटना का शिकार हुए लोगों को भी शामिल किया गया है. 

अब मिलेगा इतना मुआवजा

रेलवे बोर्ड के इस सर्कुलर के मुताबिक, ट्रेन और क्रॉसिंग फाटक पर हुए रेल हादसों में मृत पैसेंजर्स के रिश्तेदारों को अब 5 लाख रुपये मिलेंगे, जबकि गंभीर रूप से घायल लोगों को 2.5 लाख रुपये मिलेंगे. जिन पीड़ितों का मामूली चोट आई हैं, उन्हें 50,000 रुपये मिलेंगे. पहले इन लोगों को क्रमश: 50,000 रुपये, 25,000 रुपये और 5,000 रुपये मिलते थे.

अप्रिय घटना का मुआवजा भी बढ़ा

सर्कुलर में आगे कहा गया है कि मृत, गंभीर रूप से घायल और किसी अप्रिय घटना में साधारण रूप से घायल यात्रियों के आश्रितों को क्रमशः 1.5 लाख रुपये, 50,000 रुपये और 5,000 रुपये मिलेंगे. पहले इन लोगों को क्रमशः 50,000 रुपये, 25,000 रुपये और 5,000 रुपये देने का नियम था. इन अप्रिय घटना में आमतौर पर आतंकवादी हमला, हिंसक हमला और ट्रेन में डकैती जैसे अपराध शामिल हैं.

अस्पताल में भर्ती होने पर मिलेगा इतना मुआवजा

रेलवे बोर्ड ने बताया कि ट्रेन एक्सीडेंट के मामले में गंभीर रूप से घायल पैसेंजर्स को 30 दिनों से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती रखने पर 10 दिन की अवधि के बाद या छुट्टी की तारीख तक हर दिन 300 हजार रुपये की मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा. 

किसी भी अप्रिय घटना में गंभीर चोट के मामले में अस्पतला में भर्ती होने पर 10 की अवधि या छुट्टी की तारीख में जो भी पहले हो, छह महीने तक 1,500 रुपये प्रति दिन का भुगतान किया जाएगा. इसके बाद डिस्चार्ज होने की तारीख तक अगले पांच महीनों तक 750 रुपये प्रति दिन जारी किए जाएंगे.

इन्हें नहीं मिलेगा मुआवजा

बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि सड़क पर चलने वाले लोगों को मानव रहित क्रॉसिंग पर दुर्घटना, अतिक्रमियों, ओएचई (ओवर हेड इक्विपमेंट) द्वारा करंट लगने वाले व्यक्तियों के मामले में कोई अनुग्रह राहत स्वीकार्य नहीं होगी. रेलवे अधिनियम 1989 में ट्रेन दुर्घटनाओं और अप्रिय घटनाओं में यात्रियों की मृत्यु या चोट के लिए मुआवजा दायित्व निर्धारित किया गया है.

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