प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्री बनारस में हैं. उन्होंने यहां डीएलडब्लू में दुनिया के पहले डीजल से विद्युत इंजन में परिवर्तित किए गए इंजन को हरी झंडी भी दिखाई. प्रधानमंत्री ने अपने वाराणसी दौरे के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश में रेलवे के विकास के लिए पिछले 4.5 सालों में कई कदम उठाए हैं. देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस को मेक इन इंडिया योजना के तहत विकसित किया जाना सबसे बड़ा उदाहरण है. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने दुख जाते हुए कहा कि कुछ लोग इस ट्रेन की कमियां निकाल रहे हैं वहीं कुछ लोग इसका मजाक बड़ा रहे हैं, ये काफी दुखद है.

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सरकार दो क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए कर रही है काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर कहा कि सरकार दो क्षेत्रों में प्रमुख रूप से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सराकर का पहला उद्देश्य है कि देश में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत  किया जाए. इसके लिए रेलवे, इंटरनेट व एयरवे पर तेजी से काम किया जा रहा है. वहीं सरकार दूसरी तरफ देश के जरूरतमंदों, किसानों, श्रमिकों व मध्यम वर्ग का जीवन बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है.

100 और Train 18 रेलगाड़ियां बनेंगी

वंदे भारत एक्‍सप्रेस (Vande Bharat Express) Train 18 की सेवाओं को आम लोगों के लिए 17 फरवरी से शुरू किया गया है. देश में बनी इस रेलगाड़ी को बड़ी उपलब्धि बताते हुए रेलमंत्री पीयूष गोयल ने इस तरह की 100 और Train 18 बनाए जाने के ऑर्डर देने की बात कही. उन्होंने बताया कि इस तरह की 30 ट्रेनों के ऑर्डर पहले ही दिए जा चुके हैं.

 

कई देशों ने दिखाई इस रेलगाड़ी में रुचि

रेल मंत्री ने कहा कि कई देशों ने इस रेलगाड़ी में रुचि दिखई है. ऐसे में आने वाले दिनों में इस ट्रेन को निर्यात भी किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस रेलगाड़ी को आने वाले दिनों में देश में 180 किलोमीटर की रफ्तार से चलाया जा सके इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने को काफी निवेश किया जा रहा है.

क्‍या-क्‍या खास है ट्रेन 18 में

  • यह देश की पहली इंजनलैस सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन है.
  • इसे चेन्‍नै की इंटिग्रल कोच फैक्‍टरी (ICF) में 100 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है.
  • इसके दरवाजे ऑटोमैटिक हैं और यह पूरी तरह से AC ट्रेन है.
  • इसमें 16 कोच हैं और 1100 से ज्‍यादा पैसेंजर इसमें ट्रैवल कर सकते हैं.
  • इसमें दो एक्‍जीक्‍यूटिव चेयर कार है, जिसमें बैठने की क्षमता 56 यात्रियों की है.
  • वंदे भारत 30 वर्ष पुरानी शताब्दी एक्सप्रेस की जगह लेगी जिसमें कुल 16 कोच में से 12 कोच नॉर्मल चेयरकार हैं. हर बोगी में 78 सीटें हैं.
  • एक कोच से दूसरे कोच में जाने के लिए गैंगवे पूरी तरह सील है. इससे यात्रियों को परेशानी नहीं होगी और पूरी ट्रेन के साथ ही ड्राइवर का केबिन भी वातानुकूलित है.