Railway Projects: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narednra Modi) ने रायगढ़ जिले में गुरुवार को लगभग 6350 करोड़ रुपये की विभिन्न रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया तथा शिलान्यास किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने 'सिकल सेल रोग' की जांच की गई आबादी के बीच एक लाख सिकल सेल परामर्श कार्डों का भी वितरण किया. प्रधानमंत्री ने रेल क्षेत्र की परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया. इन परियोजनाओं में छत्तीसगढ़ पूर्व रेल परियोजना चरण-एक, चांपा से जमगा के बीच तीसरी रेल लाइन, पेंड्रा रोड से अनूपपुर के बीच तीसरी रेल लाइन और तलाईपल्ली कोयला खदान को एनटीपीसी लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन (एसटीपीएस) से जोड़ने वाली एमजीआर (मेरी-गो-राउंड) प्रणाली शामिल है. 

विकास को गति देंगे प्रोजेक्ट्स

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अधिकारियों ने बताया कि रेल परियोजनाएं क्षेत्र में यात्रियों की आवाजाही के साथ-साथ माल ढुलाई को सुविधाजनक बनाकर सामाजिक-आर्थिक विकास को गति प्रदान करेंगी. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ पूर्व रेल परियोजना चरण-एक के तहत खरसिया से धरमजयगढ़ तक 124.8 किलोमीटर की रेल लाइन शामिल है, जिसमें गारे-पेलमा के लिए एक छोटी लाइन और छाल, बरौद, दुर्गापुर और अन्य कोयला खदानें को जोड़ने वाली तीन फीडर लाइन शामिल हैं. 

 

राज्य में बढ़ेगी रेल कनेक्टिविटी

लगभग 3,055 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह रेल लाइन विद्युतीकृत ‘ब्रॉड गेज’ लेवल क्रॉसिंग और यात्री सुविधाओं के साथ ‘फ्री पार्ट डबल लाइन’ जैसी व्‍यवस्‍था से सुसज्जित है. यह छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में स्थित मांड-रायगढ़ कोयला क्षेत्रों से कोयला परिवहन के लिए रेल सम्‍पर्क प्रदान करेगी. अधिकारियों ने बताया कि पेंड्रा रोड से अनूपपुर के बीच तीसरी रेल लाइन 50 किमी लंबी है और इसका निर्माण लगभग 516 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. 

टूरिज्म और रोजगार का होगा विकास

चांपा और जामगा रेलखंड के बीच 98 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन का निर्माण करीब 796 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. नयी रेल लाइनों से क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार होगा और पर्यटन एवं रोजगार दोनों के अवसरों में वृद्धि होगी. 

उन्होंने बताया कि 65 किलोमीटर लंबी विद्युतीकृत एमजीआर (मेरी-गो-राउंड) प्रणाली की सहायता से एनटीपीसी की तलाईपल्ली कोयला खदान से छत्तीसगढ़ में 1600 मेगावाट एनटीपीसी लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन तक कम लागत में उच्च श्रेणी के कोयले का वितरण किया जा सकेगा. इससे एनटीपीसी लारा से कम लागत के साथ विश्वसनीय बिजली उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी. 2070 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित एमजीआर प्रणाली, कोयला खदानों से बिजली स्टेशनों तक कोयला परिवहन में सुधार के लिए एक शानदार तकनीकी उपलब्धि है.   

इन प्रोजेक्ट्स का भी होगा शिलान्यास

प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ के नौ जिलों में 50 बिस्तरों वाले 'क्रिटिकल केयर ब्लॉक' का भी शिलान्यास किया. अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत कुल 210 करोड़ रुपये की लागत से दुर्ग, कोंडागांव, राजनांदगांव, गरियाबंद, जशपुर, सूरजपुर, सरगुजा, बस्तर और रायगढ़ जिलों में नौ क्रिटिकल केयर ब्लॉकों का निर्माण किया जाएगा. 

अधिकारियों ने बताया कि सिकल सेल परामर्श कार्ड का वितरण राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (एनएसएईएम) के अंतर्गत किया जा रहा है, इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई 2023 में मध्य प्रदेश के शहडोल में किया था. प्रधानमंत्री बाद में उसी स्थान पर एक अलग मंच से विजय शंखनाद रैली को संबोधित करेंगे.

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