मुंबई में मॉनसून की शुरुआत होते ही जलजमाव जैसी स्थिति देखने को मिलती है जिससे मुंबई की लाइफ लाइन कही जाने वाली मुंबई लोकल सबसे ज्यादा प्रभावित होते हुए नजर आती है. ऐसे में इस मॉनसून लाइफलाइन को रुकने से बचाने के लिए रेलवे और स्थानीय प्रशासन मिलकर अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. आइए आपको बताते हैं कि इसको लेकर क्‍या तैयारियां की जा रही हैं.

माइक्रो चैनल पर किए गए हैं काम

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इस मामले में रेलवे का कहना है कि मॉनसून में ट्रैक्स पर जलजमाव को रोकने के लिए जगह-जगह पर माइक्रो चैनल के काम किए गए हैं और साथ ही हाई प्रेशर वॉटर पंप लगाए गए हैं जोकि वॉटर लॉगिंग जैसी समस्या को उभरने नहीं देगा. मौजूदा समय में मुंबई के सबर्बन रेल नेटवर्क में वेस्टर्न और सेंट्रल रेलवे ने अपनी सारी तैयारियां पूरी करने में लगी हुई है, जिसमें पटरियों के पास माइक्रो टनलिंग का काम, हाई प्रेशर वॉटर पम्पस लगाना, नाले की सफाई करना और ट्रैक लिफ्टिंग जैसे कार्य शामिल हैं.

जलजमाव रोकने के लिए वॉटर पम्पस की व्‍यवस्‍था

बात करें हाई प्रेशर वॉटर पम्पस की तो सेंट्रल रेलवे की ओर से वॉटर लॉगिंग और ट्रैक्स पर जलजमाव रोकने के लिए 164 और वेस्टर्न रेलवे ने 200 से अधिक वॉटर पम्पस लगाए हैं, जिन्‍हें मुंबई के दादर माटुंगा सायन बांद्रा अंधेरी और मलाड जैसे मुख्य रेलवे स्‍टेशनों पर लगाया है. वहीं माइक्रो टनलिंग की बात की जाए तो वेस्टर्न और सेंट्रल रेलवे ने कई लोकेशंस पर काम किए हैं जिनमें बांद्रा-खार, गोरेगांव-मालाड, वसई रोड-नालासोपारा, नालासोपारा-विरार ठाणे और कलवा जैसे स्टेशन शामिल हैं.

नेटवर्क की बात की जाए तो दोनों ही रेलवे नेटवर्क भारतीय रेलवे के अहम नेटवर्क्स में से एक हैं, जिनमें रोजाना 1200 से ज्‍यादा ट्रेनें चलाई जाती हैं. इसमें लोकल एक्सप्रेस और मालगाड़ी जैसी सर्विसेज शामिल है. रेलवे की तैयारी पूरी है और इंतजार है तो सिर्फ बरसात का, जिससे ये सुनिश्चित किया जा सके कि पटरियों पर जल जमाव नहीं हो रहे हैं और यात्रियों की यात्रा मंगलमय हो रही है.

 

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