वाणिज्य एवं उद्योग और रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि भारतीय रेल की अपनी खाली पड़ी जमीन पर 20,000 मेगावाट क्षमता की रिन्यूवल एनर्जी तैयार करने (Renewable Energy) की योजना बनाई गई है. इन एनर्जी प्लांट देश में ही तैयार सौर और पवन ऊर्जा उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा और यहां तैयार बिजली का इस्तेमाल रेलवे अपने नेटवर्क में करेगी.

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रेल मंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारतीय रेल का नेटवर्क 100 फीसदी बिजली से चलने वाला हो जाएगा. और इस लिहाज से यह दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क होगा.

पीयूष गोयल ने कहा, ‘हमारी जो खाली जमीन है, उसका बड़ा हिस्सा और ट्रैक के पास उपलब्ध जमीन का इस्तेमाल रिन्यूवल एनर्जी तैयार की जाएगी. भारत में बने सौर और पवन ऊर्जा उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन जमीन पर 20,000 मेगावाट नवीकरणीय बिजली उत्पादन करने की योजना है. यह बिजली हमारे पूरे नेटवर्क को चालाने के लिए पर्याप्त होगी.

रेल मंत्री ने सीईईडब्ल्यू (काउंसिल ऑफ एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर) के स्वच्छ ऊर्जा पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बात कही.

उन्होंने कहा कि रेलवे को इस तरह की बिजली के लिए बैटरी स्टोरेज के विस्तार या अन्य बिजली कलेक्शन के दूसरी तकनीकों का इंतजाम करने की जरूरत होगी. 

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उन्होंने कहा कि 2030 तक रेलवे का कार्बन उत्सर्जन शून्य होगा. इस तरह हमारा भारतीय रेलवे दुनिया का पहला रेलवे होगा जो ग्रीन रेलवे होगा.

रेलवे की जमीन पर अनाज के गोदाम

अनाज को सुरक्षित रखने के लिए रेलवे की खाली जमीन पर गोदाम बनाए जाएंगे. भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने भारतीय रेलवे को 87 ऐसी जगहों की लिस्ट भेजी है जहां रेलवे की जमीन खाली पड़ी है और वहां गोदाम बनाए जा सकते हैं. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, भंडारण की कमी को पूरा करने को लेकर FCI, सेंट्रल हाउसिंग कॉरपोरेशन (CWC) और सेंट्रल रेलसाइड वेयरहाउस कंपनी (CRWC) द्वारा ने रेलवे की खाली पड़ी जमीनों पर गोदाम बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है.