भारतीय रेलवे (Indian Railways) 2 अक्टूबर से खुर्जा और भदान के बीच में डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFCC ) का एक हिस्सा कमर्शियल ऑपरेशन के लिए खोला जा रहा है. इस फ्रेट कॉरीडॉर के खुलने के बाद एक तरफ जहां समय से मालगाड़ियों को पहुंचाया जा सकेगा दिल्ली - हावड़ा रूट पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाई जाएगी.

DFCC के ट्रैक पर पहली ट्रेन चली
इस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडॉर के तहत आने वाले खुर्जा और भदान सेक्शन के बीच लगभग 194 किलोमीटर लम्बे ट्रैक पर 14 सितम्बर को पहली बार 103 वैगन वाली हेवी हॉलेज ट्रेन को चलाया गया. इस ट्रेन में स्टील और कोयला लदा था जिसका वजन लगभग 9000 टन था. DFCC का ये ट्रायल रन काफी सफल रहा.
 
DFCC के ट्रैक की अधिक है क्षमता
डेडिकेटेड फ्रेड कॉरीडोर को बेहत आधुनिक तरीके से बनाया गया है. DFCC के ट्रैक इस तरह बिछाए जा रहे हैं कि मालगाड़ी के एक वैगन को 100 टन की क्षमता से बेहद आसानी से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलाया जा सके. ये सामान्य ट्रैक से काफी अधिक है.
 
बढ़ जाएगी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की स्पीड
खुर्जा - भदान सेक्शन इस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडॉर का सेक्शन है. ये लुधियाना से शुरू कर सोनगन तक जाता है. ये कुल 1500 किलोमीटर का सेक्शन है. DFCC के मैनेजिंग डायरेक्टर अनुराग सचान के अनुसार 02 अक्टूबर से खुर्जा - भदान सेक्शन को खोला जाएगा. ये सेक्शन कुल 194 किलोमीटर का सेक्शन है. ये NCR रेलवे के तहत आता है. इस सेक्शन के खुलने से NCR में यात्री गाड़ियों की स्पीड बढ़ सकेगी.
 
 
तय किया गया है ये लक्ष्य
खुर्जा - भदान सेक्शन खुलने के बाद रेलवे इस सेक्शन पर लगभग 15 ट्रेनों मालगाड़ियों को शिफ्ट करने की योजना पर काम कर रहा है. DFCC की योजना है कि जैसे - जैसे सेक्शन बनते जाएंगे गाड़ियों को उनपर शिफ्ट करते जाएंगे. 2019-20 में कानपुर से खुर्जा के बीच लगभग 350 किलोमीटर के सेक्शन को खोलने की योजना है. वहीं वेस्टर्न कॉरीडोर में रेवाड़ी से लेकर पालनपुर के लगभग 650 किलोमीटर का सेक्शन खोला जाएगा. दिसम्बर 2021 तक दोनों कॉरीडोर के काम को पूरा कर लिया जाएगा.