कोरोना वायरस (coronavirus outbreak in india) महामारी covid 19 पर नियंत्रण के लिए देश में 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया गया है. ऐसे में भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने रेल यात्रियों की मदद के लिए रेल नियंत्रण कार्यालय (Railway control office) खोला है. इस कार्यालय के जरिए रेल यात्रियों की मदद करने के साथ ही इस मुश्किल समय में देश के हर हिस्से में जरूरत का सामान पहुंचाने में भी मदद मिल रही है. लॉकडाउन के पहले दस दिनों में इस रेल नियंत्रण कार्यालय के संचार प्लटेफार्म के जरिए 1,25,000 से अधिक यात्रियों के सवालों का जवाब दिया गया. इसमें से 87 प्रतिशत मामले फोन पर व्यक्तिगत तौर पर बातचीत के जरिए निपटाए गए.  

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इन हेल्पलाइनों के जरिए रेलवे से पूछें कोई भी सवाल

भारतीय रेल का यह नियंत्रण कार्यालय, हेल्पलाइन नंबर- 139, 138, सोशल मीडिया (ईएसपी ट्विटर) और ईमेल (railmadad@rb.railnet.gov.in) जैसे चार संचार और प्रतिक्रिया प्लेटफार्मों- की 24x7 निगरानी कर रहा है. यह ऑफिस लॉकडाउन के दौरान रेलवे प्रशासन और आम जनता के बीच सूचना और सुझावों को पहुंचाने के उद्देश्य से बनाया गया है.  

24 घंटे काम कर रहा है ये ऑफिस

रेल नियंत्रण कार्यालय को बेहतद ढंग से चलाने के लिए निदेशक स्तर के अधिकारियों को नियुक्त किया गया है. ये ऑफिस चौबीसों घंटे चलाया जा रहा है. ये अधिकारी सोशल मीडिया और ईमेल पर लोगों द्वारा प्राप्त प्रतिक्रियाओं और उनके सुझावों पर नजर रख रहे हैं, और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान रेलवे ग्राहकों को होने वाली किसी तरह की परेशानी खास तौर पर जरूरी सामान को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने में किसी तरह की समस्या न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है.  

टिकट वापसी और रिफंड के बारे में दिए जा रहे हैं जवाब

रेलमदद हेल्पलाइन नंबर 139 पर लॉकडाउन के पहले 10 दिनों में 80,000 से अधिक यात्रियों के सवाल के जवाब दिए गए. यात्रियों ने ज्यादातर सवाल ट्रेन सेवाएं शुरु होने और टिकट वापसी के नियमों में दी गई ढील के बारे मे थे.

 

स्थानीय भाषा में दिया जा रहा है जवाब

हेल्पलाइन 138 पर प्राप्त कॉल जियो-नेटवर्क के साथ टैग की गई है. यदि कोई कॉल इस नंबर पर निकटतम रेलवे डिविज़नल कंट्रोल ऑफ़िस पर आती है तो वहां तैनात रेल कर्मी, जो कि स्थानीय भाषा से अच्छी तरह से वाकिफ हैं सवाल का जवाब उसी भाषा में देते हैं.  जवाब देने वाला रेल कर्मी यह सुनिश्चित करता है कि जिस भाषा में सवाल किया गया है उसका जवाब भी उसी भाषा में दिया जाए.