नई दिल्ली : भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी से लड़ने के लिए कई कदम उठाए हैं. रेलवे ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अपने कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए निर्देश जारी किए हैं.  अगर कोई कर्मचारी या अधिकारी इन निर्देशों को नहीं मानता है तो उन पर जुर्माना लगाने के साथ ही जेल भी भेजा जा सकता है. 

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रेलवे ने जारी किए ये निर्देश 

रेलवे की ओर से जारी किए गए निर्देशों के तहत रेलवे का कोई भी कर्मचारी या अधिकारी 1 मार्च 2020 तक विदेश हो कर आया हो तो उसे अनिवार्य तौर पर 14 दिनों तक क्वारेंटाइन में रहना होगा.  व्यक्ति अपने घर में क्वारेंटाइन में रह सकता है.  जो कर्मचारी या व्यक्ति विदेश से लौट व्यक्ति के संपर्क में आए हों उन्हें भी 14 दिनों तक क्वारेंटाइन में रहना होगा. 

इन धाराओं के तहत होगी कार्रवाई 

अगर किसी रेल कर्मचारी में कोरोना वायरस (Coronavirus) या covid 19 का संक्रमण पाया जाता है तो उस व्यक्ति को तुरंत अस्पतालों में उपलब्ध आईसोलेशन में जाना होगा. वह व्यक्ति तक तक अस्पताल से वापस नहीं आ सकता है जब तक डॉक्टर उसे इसकी इजाजत न दें. अगर कोई व्यक्ति इन नियमों को नहीं मानता है तो उस पर एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 के तहत आईपीसी की धारा 188, 269, 270 और 271 के तहत जुर्मान और जेल की कार्रवाई की जाएगी .

स्लीपर डिब्बे में बना आईसोलेशन वार्ड 

कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे से लड़ने के लिए भारतीय रेलवे भी हर संभव योगदान दे रही है. भारतीय रेलवे के जोन उत्तर रेलवे (Northern Railway) की जगादरी वर्कशॉप ने करोना वायरस के खतरे को ध्यान में रखते हुए एचएलबी के स्लीपर कोच को हॉस्पिटल आइसोलेशन वार्ड (Isolation Wards)बनाया है. इस  हॉस्पिटल आइसोलेशन वॉर्ड को फिलहाल एक प्रोटोटाइप के तौर पर तैयार किया गया है. रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इसमें मरीज की जरूरत को देखते हुए सभी इंतजाम किए गए हैं. 

 

 

दस और वार्ड बनाए जाएंगे 

उत्तर रेलवे की ओर से तैयार किए गए इस  हॉस्पिटल आइसोलेशन वॉर्ड को अगर रेल मंत्रालय से मंजूरी मिल जाती है तो आने वाले दिनों में इस तरह के दस और हॉस्पिटल आइसोलेशन वार्ड बनाए जाएंगे. हर कोच में से दो  टॉयलेटों को बाथरूम में कनवर्ट किया गया है. बाथरूम में एक हैंडशॉवर भी बनाया गया है.