एक ओर पंजाब के किसान आंदोलन पर बैठे हुए हैं, दूसरी ओर सरकार उन्हें खुश करने की हर कोशिशें करती दिखाई दे रही है. सरकार सिखों को ध्यान में रखते हुए अब गुरुद्वारा सर्किट के टूर पैकेज को प्लान कर रही है. ये गुरुद्वारा सर्किट देश के चार प्रमुख गुरुद्वारों की सैर कराएगी. बताया जा रहा है कि गुरुद्वारा सर्किट को तैयार करने की संकल्पना पीएम नरेंद्र मोदी की है.

इन गुरुद्वारों के होंगे दर्शन

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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक ये टूर 11 दिनों की होगी जो अमृतसर से शुरू होगी. इसकी शुरुआत अमृतसर में हरमिंदर साहिब के दर्शनों के बाद, बिहार की राजधानी पटाना में पटना साहिब, महाराष्ट्र में नांदेड में नांदेड़ साहब गुरुद्वारा और भठिंडा में दमदमा साबिह गुरुद्वारे के दर्शन शामिल किए गए हैं.  यात्रा के दौरान अंबाला, अंबाला, सहारनपुर, लखनऊ, मनमाड, सूरत, अहमदाबाद, जयपुर, बठिंडा और अमृतसर जैसे स्टेशनों के स्टॉपेज होंगे. इसी तरह इस ट्रेन में एसी और नॉन एसी दोनों बोगियां होंगी. इस ट्रेन में प्रति व्यक्ति के किराए को फिलहाल निर्धारित किया जा रहा है.  

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सिख श्रद्धालुओं का ख्याल रखने की कोशिश

रेलवे अपने उपक्रम IRCTC के जरिए अलग अलग धर्म समुदायों के मुताबिक आकर्षक टूर पैकेज आयोजित कर रहा है. इनमें सबसे खास रामायण यात्रा, देव दर्शन यात्रा, पिंडदान दर्शन, मां वैष्णोदेवी दर्शन, काशी विश्वनाथ, तिरुपति के अलावा और भी कई आकर्षक टूर सर्विसेस आयोजित की जाती हैं. लिहाजा पंजाब के सबसे बड़े समुदाय सिखों को ध्यान में रखकर बनाए गए इस गुरुद्वारा सर्किट में बड़े पैमाने पर सिख समुदाय के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने की पहल की है. इसके अलावा, रेल मंत्रालय के करीबी सूत्रों ने एएनआई को बताया कि पिछले कुछ सालों से रेलवे देश की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के बारे में आम जनता को शिक्षित करने के उद्देश्य से कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है.

दूसरे और भी टूरिस्ट ट्रेनों का विकल्प

न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा के लिए भी प्लानिंग की जा रही है. इनमें महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े स्थलों के दर्शन के लिए भी विशेष सर्किट तैयार किया जाएगा. इसके अलावा भी कुछ और टूरिस्ट सर्किटों को तैयार किया जा रहा है. एएनआई से मिली जानकारी के मुताबिक रेलवे 4000 से 5000 रेल कोच तैयार कर रहा है, जिन्हें कम से कम 5 साल के लिए सख्त प्रतिबंधों के तहत निजी ऑपरेटरों को पट्टे पर दिया जाएगा. इस दौरान रेलवे कोचों के रखरखाव की जिम्मेदारी ऑपरेटर की होगी, जबकि संचालन के रखरखाव की जिम्मेदारी रेलवे की होगी.जानकारी ये भी है कि लगभग 50 ऑपरेटरों ने रेलवे की महत्वाकांक्षी विशेष सर्किट पहल में भाग लेने में रुचि व्यक्त की है