Delhi-Meerut RRTS: भारत के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर का पहला ट्रेनसेट बनकर तैयार हो गया है. इसे 7 मई 2022 को भारत सरकार के आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव की उपस्थिति में आयोजित होने वाले एक समारोह में, एनसीआरटीसी (NCRTC) को सौंप दिया जाएगा. पूर्णत: मेक इन इंडिया पहल के तहत, ये अत्याधुनिक आरआरटीएस ट्रेन 100% भारत में निर्मित है.

ट्रेलरों पर दुहाई डिपो में लाए जानें की प्लानिंग

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एल्स्टॉम द्वारा ट्रेनों को एनसीआरटीसी को सौंपने के बाद, इसे बड़े ट्रेलरों पर दुहाई डिपो में लाया जाएगा, जिसे गाजियाबाद में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के परिचालन के लिए तीव्र गति से विकसित किया जा रहा है. इस डिपो में इन ट्रेनों के संचालन और रखरखाव की सभी सुविधाओं का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है.

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RRTS ट्रेनसेट की चाबियां होंगी NCRTC के हाथ

यह हैंडिंग ओवर समारोह शनिवार को एल्स्टॉम (जो पहले बॉम्बार्डियर था) के प्लांट में आयोजित होगा, जहां आरआरटीएस ट्रेनसेट की चाबियां एनसीआरटीसी को सौंप दी जाएंगी.

भारत की पहली आरआरटीएस ट्रेनों के इंटीरियर के साथ इसकी कम्यूटर-केंद्रित विशेषताओं का हाल ही में 16 मार्च, 2022 को दुहाई डिपो, गाजियाबाद में अनावरण किया गया था. 180 किमी/घंटे की डिजाइन स्पीड, 160 किमी/घंटे की ऑपरेशनल स्पीड और 100 किमी/घंटे की ऐवरेज स्पीड के साथ ये आरआरटीएस ट्रेनें भारत में अब तक की सबसे तेज ट्रेनें होंगी.

क्या है आरआरटीएस ट्रेनों में खास

इन अत्याधुनिक आरआरटीएस ट्रेनों में एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2x2 ट्रांसवर्स कुशन सीटिंग, खड़े होने के लिए चौड़े स्थान, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरे, लैपटॉप / मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप, ऑटो कंट्रोल एम्बिएंट लाइटिंग सिस्टम, हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम (HVAC) और अन्य सुविधाएं होंगी. वातानुकूलित आरआरटीएस ट्रेनों में स्टैंडर्ड के साथ-साथ महिला यात्रियों के लिए आरक्षित एक कोच और प्रीमियम वर्ग (प्रति ट्रेन एक कोच) का कोच होगा.

सावली में स्थित एलस्टॉम का मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए कुल 210 कारों की डिलीवरी करेगा. इसमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर क्षेत्रीय परिवहन सेवाओं के संचालन और मेरठ में स्थानीय मेट्रो सेवाओं के लिए ट्रेनसेट शामिल हैं.

आरआरटीएस कॉरिडोर का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है. ट्रेनों के आने के बाद इस साल के अंत तक प्रायोरिटी सेक्शन पर शुरुआती ट्रायल रन शुरू होने की उम्मीद है. साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर के प्रायोरिटी सेक्शन को 2023 तक और पूरे कॉरिडोर को 2025 तक चालू करने का लक्ष्य है.