रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, वीके यादव ने उत्तर रेलवे, प्रधान कार्यालय, बड़ौदा हाउस, में क्षेत्रीय रेलवे के कार्य निष्पादन की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की इस मौके पर उन्होने गाड़ियों को समय से चलाने पर बल दिया. इस मौके पर उन्होंन कहा कि आगामी वर्ष में प्रस्तावित विभिन्न विकास योजनाओं के तहत रेल पटियों के दोहरीकरण का काम तेजी से पूरा किया जाए. साथ ही उन्होंने बिजवासन में कोचिंग टर्मिनल सुविधा जैसी विभिन्न उन्नत यात्री सुविधाओं और वाराणसी यार्ड रि-मॉडलिंग योजनाओं की भी समीक्षा की.

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इस मौके पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को बताया कि उत्तर रेलवे में वर्ष 2019-20 में 41 किलोमीटर नई रेल लाइनों के और 137 किलोमीटर दोहरीकरण के कार्य किए जायेंगे. वहीं  आधुनिक सिगनलिंग प्रणाली पर बल देते हुए उत्तर रेलवे ने कुछ व्यस्तम रेल मार्गों पर लगभग 287.66 करोड़ रूपये की लागत से ऑटोमैटिक ब्लॉक सिगनलिंग प्रणाली लगाये जायेगी. इससे ट्रेनों को समय पर चलाने में मदद मिलेगी.

चालू वित्त वर्ष 2018-2019 के दौरान उत्तर रेलवे में हुए हादसों की समीक्षा में सामने आया कि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में दुर्घटनाओं में 31% की कमी आई है. रेलवे बोर्ड अध्यक्ष ने उत्तर रेलवे द्वारा अपने क्षेत्राधिकार से मानवरहित रेल फाटकों को पूरी तरह से समाप्त करने, जोकि “मिशन ज़ीरो एक्सीडेंट” का एक अंश है, पर संतोष जताया.

 रेलवे बोर्ड अध्यक्ष को उत्तर रेलवे अधिकारियों ने बताया कि गाड़ियों को समय से चलाने को ले कर कई सारे कदम उठाए गए हैं. इसके तहत गाड़ियों को समय से चलाने को ले कर किए जाने वाले महत्वपूर्ण उपायों में दिल्ली, लखनऊ और इलाहाबाद क्षेत्र के प्रमुख टर्मिनलों की भीड़-भाड़ को कम करना शामिल है. लूप लाइनों पर रेलगाड़ियों की गति सीमा को बढ़ाया गया है और रेल पथों को बेहतर करके व विद्युतीकरण से सेक्शनों की गति सीमा को सुधारा गया है.