बैक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय पूरा हो चुका है. वहीं रिवर्ज बैंक की ओर से जारी की गई जानकारी क अनुसार 1 अप्रैल से विजया बैंक और देना बैंक की शाखाएं बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखाओं के तौर पर काम करने लगेंगी. ऐसे में इन तीनों बैंकों के ग्राहकों को जहां पहले से अधिक शाखाएं मिलेंगी वहीं पहले से अधिक एटीएम भी मिलेंगे.

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विलय से ये होंगे फायदे

बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक के विलय के बाद यह देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन गया है. ऐसे में इस बैंक के पास काफी पूंजी होगी. ये बैंक अपने ग्राहकों के लिए नई योजनाएं ला सकता है. वहीं ग्राहकों को आधुनिक तकनीक की मदद से बैंकिंग देने में भी इस बैंक को सहूलियत होगी. वहीं ग्राहकों को सीधे तौर पर पहले से अधिक शाखाएं और एटीएम मिलेंगे. ऐसे में ग्राहकों के लिए बैंकिंग आसान होगी.

बीओबी को मिलेगी 5,042 करोड़ रुपये की पूंजी

RBI ने अपने एक बयान में कहा कि विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय एक अप्रैल 2019 से प्रभावी हो गया है. हफ्ते की शुरुआत में सरकार की ओर से बैंक ऑफ बड़ौदा में 5,042 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का निर्णय लिया गया था. बैंक का पूंजी आधार बढ़ाने के लिए यह निर्णय हुआ था.

पूर्व वित्त सचिव हसमुख अधिया बने चेयरमैन

सरकार ने पूर्व वित्त सचिव हसमुख अधिया को हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) का चेयरमैन नियुक्त किया है. "पूर्व वित्त सचिव हसमुख अधिया को बैंक ऑफ बड़ौदा का गैर कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त किया गया है.’’

बैंकों के बीच ऐसे बांटे जाएंगे शेयर

भारत सरकार की ओर से विलय योजना के तहत विजया बैंक के शेयरधारकों को प्रति 1000 शेयरों के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 402 शेयर देने पर सहमति बनी है. देना बैंक के मामले में उसके शेयरधारकों को हर 1,000 शेयर के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 110 शेयर मिलेंगे.