Unclaimed Deposits of the LIC News: भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) ने भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) ने अनक्लेमड मनी से अच्छी खासी रकम की कमाई कर ली है. लोकसभा के एक सवाल के जवाब देते हुए कंपनी ने इस बारे में बताया. एलआईसी के पास मौजूदा समय में 21 हजार करोड़ से अधिक लावारिस जमा राशि पड़ी हुई है. 

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30 सितंबर 2021 तक करीब 21,538.93 करोड़ को लेने के लिए ग्राहकों की ओर से क्लेम नहीं किया गया था. यही वजह है कि दावा न की गई जमाराशियों पर भारतीय जीवन बीमा निगम ने 2,911.08 करोड़ ब्याज अर्जित की है. कंपनी के मुताबिक मार्च, 2021 तक बिना दावे वाला कोष 18,495 करोड़ रुपये और मार्च, 2020 के अंत तक 16,052.65 करोड़ रुपये था. वहीं मार्च, 2019 के अंत तक यह राशि 13,843.70 करोड़ रुपये थी.

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बिना दावे वाली राशि का ब्योरा रखती है एलआईसी

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक प्रत्येक बीमा कंपनी को 1,000 रुपये या उससे अधिक की बिना दावे वाली राशि का ब्योरा अपनी वेबसाइट पर डालना होता है. वेबसाइट पर पॉलिसीधारकों या लाभार्थियों को बिना दावे वाली राशि के सत्यापन की सुविधा भी प्रदान करने की जरूरत होती है. बिना दावे वाली राशि की सभी जानकारियां कंपनी को संभालकर रखनी होती है. 

दावा नहीं करने पर यहां ट्रांसफर हो जाता है सारा पैसा

एलआईसी के नियमों के मुताबिक पॉलिसी होल्डर्स को अपनी जमा राशि को समय अवधि पूरा होने के 10 सालों तक दावा करना होता है. अगर इस दौरान पैसा के लिए बीमाधारकों ने दावा नहीं किया तो यह पूरा पैसा एलआईसी के पास जमा हो जाती है. इसके बाद यह राशि वरिष्ठ नागरिक कोष (एससीडब्ल्यूएफ) में स्थानांतरित कर दिया जाता है. साल 2016 में वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष को बनाया गया था.