पैसों की अचानक जरूरत किसी भी व्यक्ति को पड़ सकती है. ऐसे समय में लोग आमतौर पर यह नहीं देखते कि उन्हें कितने ब्याज पर लोन मिल रहा है, उन्हें बस अनी जरूरत पूरी करनी होती है. पर्सनल लोन लेने के लिए किसी तरह की सिक्योरिटी नहीं रखी जाती और यही वजह है कि यह लोन सबसे ज्यादा महंगा होता है. मतलब इसकी ब्याज दरें सबसे अधिक होती हैं. इसके बावजूद जब जरूरत होती है तो लोग इसका सहारा लेते ही हैं. पर्सनल लोन देने से पहले कर्जदाता उधार लेने वाले का क्रेडिट रिकॉर्ड और कर्ज चुकाने की क्षमता का आकलन करते हैं. हालांकि, अगर थोड़े धैर्य और विवेक से काम लिया जाए तो पर्सनल से सस्त दरों पर भी पैसों की व्यवस्था की जा सकती है.

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पर्सनल लोन की जगह बीमा पॉलिसी के बदले लें लोन

पर्सनल लोन से कहीं सस्ता है जीवन बीमा पॉलिसियों के विरुद्ध लोन लेना. आप बैंक के हाथों अपनी आम तौर पर लोगों के पास एक से अधिक एंडोमेंट पॉलिसियां होती हैं. टर्म इंश्योरेंस का प्रचलन तो हाल के कुछ वर्षों में जोर पकड़ा है. जीवन बीमा पॉलिसी को गिरवी रख कर लोन लेना, बैंकों के पर्सनल लोन की तुलना में ज्यादा सस्ता पड़ता है. पर्सनल लोन की जगह इस विकल्प का इस्तेमाल किया जा सकता है.

PPF से ले सकते हैं कर्ज

अगर कोई व्यक्ति नौकरीपेशा है तो वह इमरजेंसी में अपने प्रोविडेंट फंड से पैसों की निकासी कर सकता है. गौर करने वाली बात यह है कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ से व्यक्ति पूरे पैसे नहीं निकाल सकता साथ ही निकासी के लिए PPF अकाउंट का 5 साल से ज्‍यादा पुराना होना भी जरूरी है. 5 साल बाद आप PPF अकाउंट से 50% रकम जरूरत पड़ने पर निकाल सकते हैं.

गोल्ड के बदले लोन

भारत के लोगों को सोने खासा लगाव है. परिवार में महिलाओं के पास सोने के गहने होते हैं. पैसों की अचानक जरूरत पडऩे पर गोल्‍ड लोन लिया जा सकता है. गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFC) के अलावा अधिकतर बैंक गोल्ड लोन उपलब्ध कराते हैं. इसकी ब्याज दरें पर्सनल लोन की तुलना में कम होती हैं. आम तौर पर यह 10.50-17 फीसदी की औसत दर पर उपलब्ध है.