पिछले कुछ समय से क्रेडिट कार्ड का चलन तेजी से बढ़ा है. अगर आपके पास ज्‍यादा बैंक बैलेंस नहीं है, तो आप क्रेडिट कार्ड के जरिए पेमेंट करके अपने तमाम जरूरी काम निपटा सकते हैं. ये एक तरह का लोन होता है, जिसे बाद में आपको चुकाना पड़ता है. इस लोन की भरपाई के लिए आपको एक ग्रेस पीरियड भी दिया जाता है. अगर आप उस ग्रेस पीरियड में लोन को चुकाते हैं तो किसी तरह का ब्‍याज नहीं देना पड़ता.

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लेकिन अगर आप ग्रेस पीरियड में लोन की भरपाई नहीं कर पाए, तो आपको अच्‍छा खासा ब्‍याज देना पड़ सकता है. अगर आप कभी समय पर क्रेडिट कार्ड का बैलेंस न चुका पाने के कारण कर्ज के जाल में फंस जाएं तो परेशान न हों, यहां हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे 4 तरीके जिनकी मदद से आपको काफी राहत मिल सकती है.

बिल को ईएमआई में कन्‍वर्ट कराएं

अगर आप डिफॉल्टर बन गए हैं और क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं भर पा रहे हैं, तो इससे आपको सिबिल स्‍कोर पर गलत असर पड़ेगा. बेहतर है कि आप क्रेडिट कार्ड बिल को ईएमआई में कन्वर्ट करा लें. ईएमआई का फायदा ये होगा कि आपको क्रेडिट कार्ड बिल की पूरी राशि एक बार में चुकाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और आपका आर्थिक बोझ इससे कम होगा.

बैलेंस को दूसरे क्रेडिट कार्ड में ट्रांसफर कराएं

अगर आपके पास एक से ज्‍यादा क्रेडिट कार्ड हैं तो आप क्रेडिट कार्ड बैलेंस को दूसरे कार्ड पर ट्रांसफर करवा सकते हैं. इसका फायदा ये होगा कि आपको आपको अलग क्रेडिट पीरियड मिल जाता है. ऐसे में बिना ब्याज में इजाफा हुए आपको पेमेंट करने के लिए एक्सट्रा टाइम मिल जाता है.

टॉपअप लोन

अगर आपने पहले से होम लोन ले रखा है तो आप क्रेडिट कार्ड के बिल को चुकाने के लिए टॉप-अप लोन भी ले सकते हैं. टॉप अप लोन एक ऐसा लोन होता है, जिसमें बैंक की ओर से आपके पहले से चल रहे लोन पर अतिरिक्त राशि दी जाती है. ये एक तरीके से एड ऑन सुविधा की तरह से होता है जो बैंक अपने ग्राहक को देता है. 

FD, PPF पर लोन

अगर आपने FD, PPF या ऐसी किसी स्‍कीम में निवेश किया है, जिस पर लोन की सुविधा मिलती हो, तो आप इस सुविधा का लाभ क्रेडिट कार्ड का पेमेंट करने के लिए ले सकते हैं. इस तरह आपको कम ब्याज पर लोन मिल जाएगा और आप आसानी से क्रेडिट कार्ड का बकाया भुगतान कर सकेंगे. इससे आपका बजट भी नहीं गड़बड़ाएगा.

 

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