Budget 2024 latest updates: बजट की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. और सबको इंतजार रहेगा कि वित्त मंत्री इस बार किसे क्या तोहफा देती हैं. लेकिन, सबसे ज्यादा इंतजार नौकरीपेशा को होता है. जिन्हें उम्मीद होती है कि शायद टैक्स में कुछ छूट मिल जाए. इस बार भी कुछ ऐसा ही है. हालांकि, इस बार की स्थितियां अलग हैं. चुनाव का साल है. अंतरिम बजट होगा. ऐसे में वित्त मंत्री की भी नजर कुछ खास वर्ग पर ही रहेगी. एक्सपर्ट्स मानते हैं, जो 10 साल में नहीं हुआ, वो शायद इस साल होना है. क्योंकि, ग्रोथ पटरी पर है, महंगाई पर काबू पाना है. ब्याज दरें कम करनी हैं. इन सबके लिए टैक्सपेयर्स (Taxpayers) का रोल काफी बड़ा है. कंजम्प्शन को बढ़ावा देना है तो टैक्सपेयर्स को खुश करना ही होगा.

डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में उछाल

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सरकार का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन काफी अच्छा रहा है. लगातार कमाई बढ़ रही है. फाइनेंशियल ईयर 2023-24 डायरेक्टर टैक्स कलेक्शन में 17 दिसंबर, 2023 तक 17.01%% का इजाफा हुआ है. नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में भी 20.66% का उछाल आया है. खाने पीने की चीजों की महंगाई में भी तेजी है. आने वाले महीनों के लिए भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अलर्ट कर चुका है. वहीं, ग्रोथ बढ़िया है, लेकिन 8 फीसदी से ऊपर की ग्रोथ के लिए टैक्सपेयर्स के हाथ में ज्यादा पैसे जरूरी हैं. ये सारी स्थितियां इस तरफ इशारा करती हैं कि टैक्स के मामले में थोड़ी राहत जरूरी है.

स्टैंडर्ड डिडक्शन की बढ़ सकती है लिमिट

सूत्रों की मानें तो सरकार टैक्सपेयर्स को राहत देते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard deduction) की लिमिट को बढ़ा सकती है. फिलहाल 50,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन है. KPMG ने इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने की मांग रखी है. ट्रैवल, प्रिंटिंग, स्टेशनरी, बुक्स, स्टाफ सैलरी, व्हीकल रनिंग, मेंटेनेंस, मोबाइल एक्सपेंस जैसे खर्च को देखते हुए उनके अलाउंस में बढ़ोतरी होनी चाहिए. 50000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन इन सब खर्चों को पूरा करने के लिए काफी नहीं है. इंफ्लेशन और बढ़ती स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग को देखते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 1 लाख रुपए करना चाहिए.

एसोचैम भी कर चुका है मांग

एसोचैम के मुताबिक, सैलरीड क्लास के लिए 50 हजार रुपए का डिडक्शन कोई बहुत बड़ी राहत नहीं है. सभी टैक्सपेयर्स का सैलरी ब्रैकेट एक नहीं होता, ऐसे में बड़ी तादाद में टैक्सपेयर्स के लिए ये राहत काफी नहीं है. इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड अकाउंटेंट (ICAI) ने भी मांग रखी है कि इंफ्लेशन इंडेक्स्ड एडजस्टमेंट के हिसाब से स्टैंडर्ड डिडक्शन होना चाहिए. 

स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ सकती है

सूत्रों की मानें तो सरकार टैक्सपेयर्स को राहत देते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बढ़ा सकती है. फिलहाल इसकी लिमिट 50000 रुपए है. इसे बढ़ाया जा सकता है. पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट भी मानते हैं कि इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने चाहिए. ऐसी स्थिति में सरकार इसे बजट विशलिस्ट में शामिल करके राहत दे सकती है. सूत्रों का मानना है कि बजट में सैलरीड और पेंशनहोल्डर्स के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) की लिमिट को मौजूदा 50,000 रुपए से बढ़ाकर 75,000 रुपए कर सकती है.