Retirement Planning: कमाई पर कोई टैक्स नहीं. अब तक की सबसे ज्यादा ब्याज वाली सरकारी स्कीम और रिटायरमेंट बेनिफिट... तो और क्या चाहिए? प्रोविडेंट फंड (Employees Provident Fund) इससे बेहतर स्कीम फिलहाल कोई नहीं. गारंटीड रिटर्न के साथ निवेश पूरी तरह सुरक्षित और 1.50 रुपए तक टैक्स में छूट. छोटी बचत योजनाएं हों या फिर फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे इंस्ट्रूमेंट किसी पर इतना ब्याज नहीं जितना ये स्कीम देती है. हालांकि, ये कर्मचारियों के लिए हैं. लेकिन, रिटायरमेंट तो उन्हें भी प्लान करना है.

गलती की तो ब्याज से कमाई कम होता चली जाएगी

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EPF में निवेश कर्मचारी की सैलरी और उनकी कंपनी की तरफ से होता है. फिलहाल, आपके कुल निवेश पर 8.1% का ब्याज मिल रहा है. सालाना इसे बदला जा सकता है. लेकिन, निवेश पर मिलने वाला ब्याज हर साल कम्पाउंड इंट्रस्ट में बदलता है. आसान शब्दों में समझें तो आपके निवेश जितना होगा, उतना ब्याज मिलेगा और अगले साल फिर ब्याज पर भी ब्याज मिलेगा. अक्सर नौकरीपेश एक गलती करते हैं. जॉब चेंज करते ही EPF विड्रॉल के लिए क्लेम करते हैं. जरूरत पड़ने पर भी कई लोग निवेश तोड़ते हैं. ऐसा करना ठीक नहीं. क्योंकि, इससे ब्याज से होने वाली कमाई कम होती जाती है और हर बार विड्रॉल से रिटायरमेंट के वक्त तक आपको लाखों का नुकसान होता है.

Retirement planning: टैक्स फ्री कमाई

EPFO के नियम समझ लीजिए. अगर नौकरी के दौरान EPF विड्रॉल नहीं किया तो रिटायरमेंट पर बड़े फायदे मिलेंगे. पहला  रिटायरमेंट के लिए अच्छी रकम जमा होती है. लगातार कम्पाउंडिंग ब्याज (Compound Interest) से आपका पैसा बढ़ता जाता है. खास बात, रिटायरमेंट के बाद मिलने वाला फंड पूरी तरह टैक्स फ्री (Tax Free) है. लेकिन, अगर इस दौरान किसी भी तरह का विड्रॉल किया गया तो टैक्स चुकाना होता है.

Retirement Planning: पेंशन का फायदा तो है ही...

अब पेंशन का फायदा समझ लीजिए. शुरुआती 9 साल 6 महीने की नौकरी में अगर कोई विड्रॉल नहीं है तो आप EPS यानि एम्प्लॉई पेंशन स्कीम के लिए एलिजिबल हो जाते हैं. Employee Pension Scheme में आपको रिटायरमेंट के बाद हर महीने पेंशन मिलती है. आपने नोटिस किया होगा कि EPF में होना वाला कंट्रीब्यूशन दो तरह से होता है. पहला आपका और दूसरा एम्प्लॉयर यानि आपकी कंपनी का. कंपनी के हिस्से में से 8.33 फीसदी रकम पेंशन फंड में जाती है. इस पेंशन फंड से 58 की उम्र के बाद पेंशन मिलना शुरू हो जाती है.

Retirement पर जरूर करें विड्रॉल

रिटायरमेंट के करीब या रिटायरमेंट पर अगर आप विड्रॉल नहीं करते तो इसमें नुकसान भी है. EPFO के नियम के मुताबिक, रिटायरमेंट के बाद अगर EPF खाते से विड्रॉल में देरी होती है तो रकम पर जो ब्याज आएगा उस पर टैक्स चुकाना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि, EPF के ब्याज पर मिलने वाली टैक्स छूट सिर्फ कर्मचारियों के लिए होती है. रिटायरमेंट के बाद व्यक्ति को कर्मचारी की श्रेणी में नहीं गिना जाता. इसलिए जरूरी है रियाटरमेंट होते ही EPF का विड्रॉल जरूर करें.

नौकरी करते वक्त करना है विड्रॉल तो ये नियम जरूर पढ़ें

लोग अक्सर EPF विड्रॉल करते हैं. लेकिन, अगर जरूरी नहीं है तो विड्रॉल न करें. ऐसा इसलिए भी क्योंकि, इससे कॉर्पस कम होता है. साथ ही ब्याज का फायदा भी कम होता है. लेकिन, अगर विड्रॉल करना ही है तो एक नियम को ध्यान में रखें. नौकरी की शुरुआत होते ही पैसा न निकालें. कम से कम 5 साल की नौकरी हो जाए तो विड्रॉल करें. 5 साल से पहले विड्रॉल किया तो निकाले गए पैसे पर टैक्स चुकाना होगा. लेकिन, 5 साल की अवधि पूरी होने पर ये नियम खत्म हो जाता है और विड्रॉल पर कोई टैक्स नहीं होता.

Retirement Planning: ब्याज कब तक मिलता है इसे लेकर हमेशा कन्फ्यून

EPF के मामले में सबसे ज्यादा कन्फ्यूजन इस बात पर होता है कि आपके अकाउंट पर ब्याज कब तक मिलता रहता है. दरअसल, EPFO दो तरह से खातों को मैनेज करता है. पहले वो अकाउंट जो पूरी तरह एक्टिव हैं, जिनमें नियमित निवेश हो रहा है. दूसरे वो अकाउंट, जो किसी वजह से निष्क्रिय यानि इनएक्टिव हो गए हैं. 3 साल तक कोई नया निवेश नहीं होने पर अकाउंट को इनएक्टिव माना जाता है. एक्टिव अकाउंट्स पर हर साल ब्याज (EPF Interest rate) मिलता है. पहले निष्क्रिय खातों पर ब्याज नहीं मिलता था. लेकिन, साल 2016 के बाद से इन खातों पर भी ब्याज मिलता है. नियम ये भी है कि अगर अकाउंट निष्क्रिय हो चुका है और अकाउंट होल्डर की उम्र 58 है तो ब्याज नहीं मिलेगा. 58 की उम्र तक ब्याज मिलता है.

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