Repo Rate Home Loan Interest Rate: अगर आपने होम लोन ले रखा है तो आप थोड़ी राहत की सांस ले सकते हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने आज गुरुवार को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी की घोषणा (RBI MPC) की है, जिसमें रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. मौजूदा रेपो रेट 6.50% (RBI repo rate) पर बना हुआ है. इससे आपकी होम लोन की किस्तों में इस बार कोई बढ़ोतरी नहीं होगी. रेपो रेट में पिछले छह एमपीसी बैठकों में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी, जिससे होम लोन की किस्तें लगातार महंगी हुई हैं. अगर इस बार भी रेपो रेट में हाइक हुई होती, तो होम लोन पर ब्याज दरों का औसत अबतक के सबसे ऊंचे दर पर पहुंच जाता. होम लोन इंटरेस्ट रेट पहले ही 6.7 फीसदी से बढ़कर 8.75-9 फीसदी सालाना हो चुका है. लेकिन अभी फिलहाल आप आगे की महंगाई को लेकर राहत की सांस ले सकते हैं.

आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने से आपके होम लोन पर कैसे असर पड़ता है? (Repo rate home loan)

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Repo Rate का मतलब होता है- Repurchasing Option या फिर Repurchase Agreement. यह एक लेंडिंग रेट होता है, जिसपर कॉमर्शियल बैंक आरबीआई से उधार लेते हैं. आरबीआई जब भी रेपो रेट में बढ़ोतरी करता है तो इससे बैंकों पर ब्याज दरों का बोझ बढ़ता है. रेपो रेट एक तरह का बेंचमार्क होता है, जिसके आधार पर अन्‍य बैंक आम लोगों को दिए जाने वाले लोन के इंटरेस्‍ट रेट को निर्धारित करते हैं. जब रेपो रेट बढ़ता है तो बैंकों को कर्ज ज्‍यादा ब्‍याज दर पर मिलता है. ऐसे में बैंक आम आदमी के लिए भी होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्‍याज दर को बढ़ा देते हैं और इसका असर ईएमआई पर पड़ता है. यानी रेपो रेट बढ़ने के साथ ईएमआई भी बढ़ जाती है.

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आज के फैसले के बाद क्या होगा आपके होम लोन पर असर? (home loan emi)

अब चूंकि रेपो रेट में बढ़ोतरी नहीं हुई है, तो बैंकों को आरबीआई से उसी दर पर कर्ज मिलता रहेगा, जिसपर वो पिछले दो महीनों में लेते रहे हैं, इससे उनकी ब्याज दर बढ़ी नहीं है कि उन्हें इसे एडजस्ट करना पड़े, ऐसे में वो आपके होम लोन पर भी ब्याज नहीं बढ़ाएंगे.

अगर अभी भी होम लोन महंगा पड़ रहा है तो क्या करें?

आज कोई बढ़ोतरी न होने के बावजूद अगर आपका लोन आपका बजट बिगाड़ रहा है तो आप इसके लिए कुछ तरीके अपना सकते हैं. 

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1. बैंक स्विच कर लें

अगर आपका बैंक आपको बहुत महंगा लोन दे रहा है, या फिर पिछले कुछ महीनों में बैंक ने अपना लोन कुछ ज्यादा ही महंगा कर दिया है तो आप बैंक स्विच करके किसी ऐसे बैंक के पास जा सकते हैं, जिसकी दरें थोड़ी कम हों. आपको इसके लिए प्रोसेसिंग फीस देनी होती है. कई बैंक आपको ये सुविधा देते हैं. 

2. अपना लोन रीफाइनेंस करा लें

लोन लेने के बाद आपका लोन मंहगा हो गया है, तो आप कम ब्याज दरों पर लोन रीफाइनेंस करा सकते हैं. इससे आपकी महीने की ईएमआई का खर्चा कम होगा, और टोटल ब्याज भी कम होता है.

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3. डाउन पेमेंट बढ़ा लें

अगर आप लोन लेने जा रहे हैं तो आप अपने डाउन पेमेंट का अमाउंट बढ़ाकर भी ईएमआई का बोझ कम कर सकते हैं, क्योंकि इससे आपका प्रिंसिपल अमाउंट और मंथली पेमेंट भी कम होगा.

4. फिक्स्ड रेट वाला लोन लेने का ऑप्शन चुनें

अभी लोन लेने जा रहे हैं तो आप फिक्स्ड रेट पर लोन ले सकते हैं. बैंक आपको फिक्स्ड रेट पर लोन देते हैं, जिसमें रेपो रेट बढ़े या नहीं, आपके लोन पर ब्याज दरें समान रहती है. इसपर आपको तब फायदा मिलता है, जब ब्याज दरें लगातार ऊपर जा रही होती हैं.

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