Rakesh Jhunjhunwala Portfolio: शेयर बाजार का बिग बुल (Big Bull) पंच तत्व में विलीन हो चुका है. लेकिन, उनका नाम कई वर्षों तक इसी तरह गूंजता रहेगा. क्योंकि, वो अकेले ऐसे शख्स थे, जिनकी फैन फोलोइंग इतनी थी कि लोग उनके लगाए शेयरों पर भरोसा जताते थे. लोगों का मानना था कि वो जिस शेयर में हाथ लगाते वो सोना बन जाता था. बिग बुल के निवेश का वो सीक्रेट मंत्र (Investment Mantra) क्या है, जो राकेश झुनझुनवाला को हमेशा मुनाफे की तरफ ले जाता था? इस बात का जिक्र खुद राकेश झुनझुनवाला ने एक इवेंट के दौरान किया था. वो शेयर कैसे चुनते थे, कैसे कमाई के लिए शेयर परफेक्ट बन जाते थे. अगर आप भी उनके निवेश को फोलो करेंगे तो कभी नुकसान में नहीं रहेंगे.

शेयर बाजार पर भरोसा रखें और डटे रहें

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) इंडियन स्टॉक मार्केट की चाल और फ्चूयर सेंटीमेंट्स को लेकर अक्सर बात करते थे. उनका मानना था कि बाजार में कितनी बड़ी गिरावट क्यों ना आ जाए लेकिन कॉरपोरेट इंडिया काफी ऑप्टिमिस्टिक है. हम दूसरे देशों की तुलना में काफी मजबूत होने जा रहे हैं. आगे चलकर हम मार्केट में भी दुनिया पर लीड करेंगे. इसलिए बाजार में बने रहना जरूरी है. घबराहट में बाजार से दूर न भागें, डटकर मुकाबला करने की क्षमता रखें. शेयर बाजार पर भरोसा रखने वाले ही यहां लंबा खेल सकते हैं.

शेयर चुनने के लिए झुनझुनवाला का '3F' फॉर्मूला

राकेश झुनझुनवाला अपने शेयर्स कैसे चुनते थे. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान इस बात का जिक्र किया कि निवेशकों को किस तरह अपने शेयर्स की पहचान करनी चाहिए. झुनझुनवाला के इस मंत्र को निवेशक सही तरीके से इस्तेमाल करें तो वो भी मुनाफा कमा सकते हैं. झुनझुनवाला के मुताबिक, वो ‘3F’ के सिद्धांत पर निवेश करते थे. फेयर वैल्यू, फंडामेंटल और फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट. शेयर की कीमत अच्छी हो या सस्ते वैल्यूएशंस पर मिल रहा हो तो बहुत बढ़िया है. वहीं, कंपनी के फंडामेंटल मजबूत होने चाहिए. इसके अलावा कंपनी का फ्यूचर प्लान क्या है, इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी है. अगर किसी कंपनी के पास यह तीनों फैक्टर हैं तो निवेश डूबेगा नहीं. झुनझुनवाला ने कहा था कि उन्होंने बाजार में इस सिद्धांत के साथ 1985 से निवेश किया और नतीजा सबके सामने है.

निवेशकों के पास अगले 10 साल तक मौका

झुनझुनवाला ने कहा था निवेशकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि मार्केट कैसे और किन चीजों पर रिएक्ट करता है. यह झूठ है कि बाजार नॉन रियल फैक्टर पर आधारित है. लंबी अवधि में बाजार जरूर दौड़ लगाएंगे. कोरोना वायरस कुछ समय के लिए कंपनियों के कामकाज पर असर डाला. लेकिन, जैसे ही परिस्थितियां ठीक होंगी कंपनी के हालत भी सुधर जाएंगे. ऐसे में निवेशक के पास अगले 10 साल तक मौका है. उनका मानना था कि कोरोना जैसी महामारी या ऐसी परिस्थितियों में लंबी लड़ाई जैसी है, लेकिन जीत निश्चित होती है.

दो सेक्टर्स को लेकर काफी बुलिश थे झुनझुनवाला

झुनझुनवाला का मानना था कि इकोनॉमिक शक्तियों में भारत चमकेगा. देश की विकास दर (GDP) 10 फीसदी से ऊपर आएगी. होटल इंडस्ट्री और एविएशन सेक्टर ने काफी उतार-चढ़ाव देखा है. दोनों सेक्टर के कारोबार में बड़ी सुस्ती है. लेकिन, आने वाले दिन इन दोनों सेक्टर्स के हैं. इन सेक्टर्स में जबरदस्त तेजी दिखाई देगी. यही वजह थी कि खुद झुनझुनवाला ने भी एविएशन सेक्टर में Akasa Air के जरिए कदम रखा था. हालांकि, अकासा की उड़ान भरने से पहले ही झुनझुनवाला ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें