मौसम ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. पश्चिम उत्तर प्रदेश में जहां सूखे से फसल झुलस रही है तो देश के तामम हिस्सों में तेज बारिश और बाढ़ से फसल बर्बाद हो रही हैं. कुदरती आपदा से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana-PMFBY) शुरू की हुई है. 

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना फसल के लिए एक सुरक्षा कवच है. नुकसान होने पर 72 घंटो में फसल खराब होने की शिकायत स्थानीय कृषि कार्यालय किसान हेल्पलाइन या फिर क्रॉप इंश्योरेन्स ऐप (Crop Insurance App) पर दर्ज करा सकते हैं. इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 1800-180-1551 पर संपर्क कर सकते हैं.

जिन किसानों की फसल सूखे या बारिश से बर्बाद हुई है, उन्हें इसकी सूचना फौरन बीमा कंपनी कंपनी को देनी होगी. नियम के मुताबिक, फसल खराब होने की दशा में 72 घंटे के अंदर किसान को इसकी जानकारी फसल बीमा कंपनी को देनी होगी. नामिक बीमा कंपनियां इसकी सूचना संबंधित प्रशासन को देंगी. 

PMFBY के तहत स्थानीय आपदाओं और फसल कटाई के बाद के नुकसान का आकलन व्यक्तिगत बीमित खेत के स्तर पर किया जाएगा. इसलिए किसान और नामित बीमा एजेंसियों द्वारा नुकसान की सूचना दर्ज करना आवश्यक है.

किसान को नुकसान बड़े स्तर पर आई कुदरती आपदाओं के कारण होता है, इसलिए इस तरह की आपदाओं के लिए बीमित किसान और नामित एजेंसियों को दावों के लिए सूचना देना जरूरी नहीं है. 

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दावों की गणना जिला स्तरीय संयुक्त समिति (DLJC) द्वारा प्रस्तुत नुकसान के आकलन की रिपोर्ट या राज्य सरकार के औसत उपज के आधार पर की जाएगी.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के शुरूआत के पहले तीन सालों में किसानों ने 13,000 करोड़ रुपये का प्रीमियम भरा और किसानों को कुल 60000 करोड़ का भुगतान प्राप्त हुआ था.