लंबी अवधि के निवेश के लिए अगर सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न वाला कोई इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट ढूंढ रहे हैं तो पोस्ट ऑफिस (Post Office) चले जाइये. यहां की नेशनल सेविंग्‍स सर्टिफिकेट (NSC) एक बढ़िया स्कीम है. खास बात समझिए, कई बार ये स्थिति आती है, जब आपके पास पैसा होता है, लेकिन किसी स्कीम में एक तय लिमिट तक आप पैसा डाल सकते हैं. लेकिन, पोस्‍ट ऑफिस की इस स्‍मॉल सेविंग्‍स स्‍कीम्‍स (small savings scheme) में निवेश की कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं है. साथ ही इसमें मल्‍टीपल अकाउंट खुलवाए जा सकते हैं. टैक्स छूट भी मिलती है. और भी कई फायदे हैं.

मिलता है डबल फायदा

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पोस्ट ऑफिस (Post Office) की नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) स्कीम में 5 साल की मैच्योरिटी है. सालाना 7% ब्याज मिल रहा है. ब्‍याज पर डबल फायदा मिलता है. मतलब सालाना आधार पर ब्याज की कम्‍पाउंडिंग होती है. हालांकि, इसमें कोई पार्शियल विड्रॉल नहीं हो सकता. मैच्योरिटी पर ही फुल पेमेंट मिलेगा. पोस्ट ऑफिस की वेबसाइट के मुताबिक, अगर स्कीम में 1000 रुपए से जमा किए जाते हैं तो 5 साल बाद आपको 1403 रुपए मिलेंगे.

10 लाख जमा पर 14,02,552 लाख मिलेंगे

Post Office NSC कैलकुलेटर के मुताबिक, अगर स्‍कीम में एकमुश्‍त 10 लाख रुपए का निवेश किया जाए तो 5 साल बाद मैच्‍योरिटी पर कुल 14,02,552 रुपए मिलेंगे. इसमें 4,02,552 रुपए सिर्फ ब्‍याज से कमाई होगी. नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) में निवेश कहीं से भी किया जा सकता है और किसी भी पोस्‍ट ऑफिस में कर सकते हैं. NSC अकांउट न्यूनतम 1000 रुपए से खुलता है. कोई अधिकतम लिमिट नहीं है. 100 रुपए के मल्‍टीपल में कितना भी डिपॉजिट कर सकते हैं. निवेश पर सरकारी गारंटी मिलती है.

कौन खोल सकता है NSC अकाउंट 

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) को देश के किसी भी पोस्ट ऑफिस में खोला जा सकता है. इसकी खासियत है कि कोई भी नागरिक इसमें अकाउंट खुलवा सकता है. ज्वाइंट अकाउंट की भी सुविधा है. 10 साल से ऊपर के बच्चों के माता-पिता उनकी जगह सर्टिफिकेट खरीद सकते हैं. एनएससी में 5 साल के पहले विड्रॉल नहीं कर सकते हैं. कुछ विशेष परिस्थितियों में ही छूट मिलती है. सरकार NSC के लिए ब्याज दर की हर 3 महीने पर समीक्षा करती है.

निवेश से पहले जानिए काम की बात

  • NSC को किसी भी भारतीय डाकघर से खरीदा जा सकता है.
  • ब्याज सालाना जमा किया जाता है लेकिन भुगतान मेच्योरिटी पर ही किया जाता है.
  • NSC को सभी बैंकों और NBFC द्वारा लोन के लिए कोलैटरल या सिक्योरिटी के रूप में स्वीकार किया जाता है.
  • निवेशक अपने परिवार के किसी भी सदस्य को नॉमिनी बना सकता है.
  • NSC को, जारी होने से लेकर मैच्योरिटी डेट के बीच एक बार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर किया जा सकता है.