Post Office: डाकघर यानी पोस्ट ऑफिस में आप तमाम स्मॉल सेविंग्स स्कीम (Post Office savings schemes) में निवेश करते हैं. कई स्कीम में लॉक इन पीरियड भी होता है. अगर किसी खास वजह से आपको पैसों की बेहद जरूरत है और आप निवेश स्कीम से बाहर निकलना (Premature encashment rules) चाहते हैं यानी पैसे पूरी तरह से निकाल लेना चाहते हैं तो इसके लिए कुछ तय शर्तें और नियम हैं. इन्हें आपको जरूर जान लेना चाहिए. 

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इन अकाउंट को कभी भी करा सकते हैं बंद

पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट को आप जब चाहें बंद करा सकते हैं. ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, इसी तरह, सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम अकाउंट को भी कभी भी क्लोज करा अपना जमा पैसे निकाल सकते हैं. हां, पहले क्लोज कराने पर इसके लिए आपको तय फीस चुकानी पड़ सकती है. 

रेकरिंग डिपोजिट अकाउंट

अगर आपने पोस्ट ऑफिस रेकरिंग डिपॉजिट में निवेश कर रखा है तो तीन साल के बाद आप अकाउंट कभी भी क्लोज (Premature encashment rules) कर सकते हैं. इसमें सिर्फ सेविंग बैंक अकाउंट की ब्याज दर लागू होंगी.

एमआईएस अकाउंट

पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम (Post Office savings schemes) अकाउंट यानी एमआईएस (MIS) आप एक साल के बाद बंद करा सकते हैं. साथ ही किसान विकास पत्र अकाउंट को भी 2 साल 6 महीने यानी ढाई साल के बाद बंद कराया जा सकता है. 

पोस्ट ऑफिस पीपीएफ अकाउंट के लिए नियम

अगर आपने पोस्ट ऑफिस में पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ अकाउंट खोला है तो कम से कम पांच साल के बाद ही आप अपना अकाउंट बंद करा सकेंगे. यह ध्यान रखें कि यह तभी होगा जब आप किसी गंभीर बीमारी, हाइयर एजुकेशन की जरूरत को पूरा करना चाहते हों या आप एक एनआरआई हों.

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सुकन्या समृद्धि अकाउंट

पोस्ट ऑफिस में अगर आपने सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश किया है तो बेटियों से जुड़ी इस सरकारी स्कीम के अकाउंट को बेटी की शादी के लिए कम से कम उसकी 18 साल पूरा होने (हालांकि अब लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल हो गई है) पर ही क्लोज करा सकते हैं. 

नेशनल सेविंग स्कीम

पोस्ट ऑफिस में नेशनल सेविंग स्कीम यानी ​NSC (VIII Issue) अकाउंट को मेच्योरिटी से पहले क्लोज नहीं कराया जा सकता है. हालांकि अकाउंटहोल्डर मृत्यु या जब्ती की स्थिति में इस स्कीम (Post Office savings schemes) के अकाउंट इसे क्लोज कर दिया जाता है.