निवेश के यूं तो कई विकल्प हैं. मगर एक ऐसी छोटी बचत योजना भी है जिसमें आप पैसे लगाते हैं और वह हर महीने आपको कमाई का मौका देता है. जी हां, पोस्ट ऑफिस में एक ऐसी सेविंग स्कीम है मंथली इनकम स्कीम यानी एमआईएस. यह एक ऐसी स्कीम है जिसमें आप एकमुश्त निवेश कर हर महीने ब्याज राशि के रूप में इनकम पा सकते हैं. एमआईएस अकाउंट की मेच्योरिटी पीरियड पांच साल होती है, इसमें अकाउंट होल्डर को एकमुश्त जमा पैसे पर हर माह ब्याज मिलता है. इंडिया पोस्ट की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक 1 जुलाई 2019 से इस योजना में सालाना आधार पर ब्याज 7.6 प्रतिशत मिल रहा है, जिसे हर महीने पेमेंट किया जाता है. 

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एमआईएस स्कीम 

एमआईएस स्कीम के तहत खोले गए अकाउंट को सिंगल और ज्वाइंट दोनों तरह से ही खोला जा सकता है. व्यक्तिगत खाता खोलते समय आप इस स्कीम में न्यूनतम 1,500 रुपये और अधिकतम 4.5 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं. लेकिन ज्वाइंट खाते में अधिकतम 9 लाख रुपये तक ही जमा किया जा सकता है. यह योजना रिटायर्ड कर्मचारियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए तो बेहद उपयोगी है. इसमें हर महीने ब्याज मिलता है.

ज्वाइंट अकाउंट का भी विकल्प

इसमें अच्छी बात ये भी है कि दो या तीन लोग भी मिलकर ज्वाइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं. इस अकाउंट के बदले में मिलने वाली आय को हर मेंबर को को बराबर-बराबर बांट दिया जाता है. ज्वाइंट अकाउंट को कभी भी सिंगल अकाउंट में कन्वर्ट करा सकते हैं. इसी प्रकार सिंगल अकाउंट को भी कभी भी ज्वाइंट अकाउंट में कन्वर्ट करा सकते हैं. हां, अकाउंट में किसी तरह का बदलाव करने के लिए सभी अकाउंट मेंबर्स के हस्ताक्षर युक्त एप्लीकेशन देने की जरूरत होती है.

पैसे निकालने पर है ये शर्त

किसी खास मौके पर आप इस स्कीम के तहत जमा पैसे को पहले भी निकाल सकते हैं, लेकिन ऐसा करने पर आपको कुछ पैसा काटकर वापस मिलेगा. ध्यान रखें कि अकाउंट खुलने से एक साल तक आप पैसा नहीं निकाल सकते. हां, अकाउंट खुलने के एक साल से तीन साल के बीच में पैसा निकालते हैं तो जमा रकम का 2 प्रतिशत काटकर वापस किया जाएगा. अगर अकाउंट खुलने के 3 साल बाद मेच्योरिटी के पहले कभी भी पैसा निकालते हैं तो आपकी जमा राशि का 1 प्रतिशत काटकर वापस किया जाएगा.

यह स्कीम इसलिए भी है खास

इस स्कीम के तहत आप अकाउंट को एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर भी कर सकते हैं. जब इस इन्वेस्टमेंट के पैसे की मेच्योरिटी यानी पांच साल पूरा हो जाता है तो आप इसे दोबारा इन्वेस्ट कर सकते हैं. अकाउंट होल्डर इसमें किसी नॉमिनी को भी नियुक्त कर सकता है.किसी अनहोनी के कारण खाताधारक की मौत के बाद जमा राशि का हकदार नॉमिनी होता है. इस योजना में एक खास बात यह है कि इसमें टी़डीएस नहीं लगता, जबकि इस निवेश के बदले प्राप्त ब्याज पर टैक्स देना होता है.