सरकारी कर्मचारियों के लिए वित्त मंत्री की तरफ से किया गया नया ऐलान काफी सुकून भरा है. अब नई पेंशन स्कीम (New pension scheme) में ही पुरानी पेंशन योजना (Old pension scheme) का फायदा मिल सकता है. सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम का विकल्प तैयार करने के लिए कमिटी बनाई है. कमिटी अब न्यू पेंशन स्कीम को ही ओल्ड पेंशन स्कीम जितना पॉपुलर बनाने का काम करेगी. इसमें गारंटीड रिटर्न होगा, अतिरिक्त कमाई पर भी चर्चा हो रही है. साथ ही सरकार का कंट्रीब्यूशन भी 14% तक करने की प्लानिंग है. नेशनल पेंशन सिस्टम या न्यू पेंशन स्कीम को लेकर नई व्यवस्था बनाई जाएगी. व्यवस्था ऐसी होगी, जिसे केंद्र और राज्य सरकार दोनों अपना सकेंगी.

ओल्ड पेंशन स्कीम पर क्या चर्चा चल रही है?

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दरअसल, काफी दिनों से ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर देशभर में सरकारी कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं. कई राज्यों ने भी ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल कर दिया है. ऐसे में अब केंद्र सरकार भी इस पर गौर कर रही है. हालांकि, ओल्ड पेंशन स्कीम को केंद्र स्तर पर लागू नहीं किया जा रहा है. लेकिन, न्यू पेंशन स्कीम में गारंटीड रिटर्न पर वित्त मंत्रालय समीक्षा कर रहा है. अब मामला ये है कि नई पेंशन योजना में ही पुरानी पेंशन के फायदे जोड़े जाने की चर्चा है. 

नई पेंशन में क्या मिल सकते हैं फायदे?

न्यू पेंशन स्कीम में सरकार अब मिनिमम गारंटीड पेंशन का प्लान लाने पर विचार कर रही है. इसमें पेंशनर्स की अतिरिक्त कमाई पर भी फोकस होगा. साथ ही सरकार का कंट्रीब्यूशन 14% से ज्यादा बढ़ाने पर भी विचार है. हालांकि, सरकारी खजाने पर बिना बोझ डाले कंट्रीब्यूशन कैसे बढ़ाया जाए, इसका रास्ता खोजा जा रहा है. पेंशन बढ़ाने के लिए एन्यूटी में ज्यादा निवेश संभव हो सकता है. फिलहाल कुल फंड का 40% एन्यूटी में निवेश होता है, जिससे आखिरी वेतन का करीब 35% पेंशन के तौर पर मिलता है. हालांकि मार्केट से लिंक होने पर इसकी गारंटी नहीं होती.

NPS में मौजूदा व्यवस्था क्या है?

बेसिक सैलरी का 10% कर्मचारी, 14% सरकार की तरफ से योगदान दिया जाता है. कुल मिलाकर बेसिक सैलरी का 24% हिस्सा पेंशन फंड में जमा होता है. फंड मैनेजर पैसे का निवेश शेयर और डेट फंड में करते हैं. हालांकि, शेयर, डेट में निवेश का परसेंट कर्मचारी तय करता है. 60% रकम रिटायरमेंट के वक्त निकाली जा सकती है. वहीं, 40% रकम एन्युटी प्लान में निवेश की जाती है. रिटायरमेंट के वक्त निकाला गया पैसा पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है.

पुरानी पेंशन योजना में क्या है व्यवस्था?

पुरानी पेंशन योजना में पैसों का भुगतान सरकारी खजाने से होता है. इसमें आखिरी महीने के वेतन की आधी रकम के बराबर पेंशन दी जाती है. कर्मचारी की मृत्यु के बाद पति/पत्नी को भी पेंशन का फायदा मिलता है. इसमें हर 6 महीने पर मिलने वाले DA का भी प्रावधान है. मतलब जब-जब महंगाई भत्ता (dearness allowance) बढ़ेगा, तब इसका फायदा पेंशन में भी दिया जाएगा. सरकारी कर्मचारी को इसमें अपनी तरफ से कोई योगदान नहीं देना होता. जब सरकार नया वेतन आयोग (Pay Commission) लागू करती है तो भी इससे पेंशन में बढ़ोतरी होती है.

RBI ने क्या दी थी पुरानी पेंशन को चेतावनी

पुरानी पेंशन को लेकर कई तर्क है. RBI इसके खिलाफ है. कुछ समय पहले RBI ने इसे लेकर अलर्ट भी किया कि इससे सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ रहा है. RBI ने चेतावनी दी कि इससे विकास कार्यों के खर्च में कटौती होती है, जो इकोनॉमी के लिए भी नुकसानदेह है. कर्ज में डूबे राज्यों के लिए भी पुरानी पेंशन मुसीबत है. कर्ज में डूबे राज्यों का वित्तीय खर्च इससे और बढ़ता है.