NPS Investment: रिटायरमेंट प्लानिंग जितनी जल्दी शुरू की जाए, उतनी काम की साबित होती है, लेकिन असल में इसका उलटा होता है. लोग अकसर अपने फ्यूचर प्लानिंग में देरी कर देते हैं. NPS यानी National Pension System रिटायरमेंट कॉर्पस बनाने के लिए बहुत सही स्कीम है, लेकिन ऐसी धारणा देखने में आती है कि लोग इसे आमतौर पर सैलरीड प्रोफेशनल्स से जोड़कर देखते हैं. मानो इसमें बस ऐसे ही लोग निवेश कर सकते हैं, या ये उनके लिए ही फायदे की योजना है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. अगर आप बिजनेस करते हैं या फिर फ्रीलांसर हैं, आंत्रप्रेन्योर हैं तो आप भी इस स्कीम में निवेश करके पूरा फायदा उठा सकते हैं. 

अपना बिजनेस करने वाले लोगों के लिए भी है NPS (Who can join NPS?) 

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सेल्फ-इंप्लॉयड प्रोफेशनल्स को लेकर ऐसी सोच होती है कि चूंकि वो किसी इंप्लॉयर के तहत काम नहीं करते, ऐसे में उन्हें हमेशा काम करते रहना होगा और उनके पास रिटायरमेंट के लिए सेविंग करने का विकल्प ही नहीं होता है. लेकिन नेशनल पेंशन सिस्टम में 18 से 70 साल के बीच का कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है. डॉक्टर, वकील, CAs, आंत्रप्रेन्योर्स, आर्किटेक्ट, पत्रकार, शेफ, फ्रीलांसर जैसे प्रोफेशनल्स भी इसमें निवेश करके अपने लिए रिटायरमेंट फंड तैयार कर सकते हैं. 

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NPS के हैं कई फायदे (NPS Benefits)

NPS अपने सब्सक्राइबर्स को काफी फ्लेक्सिबिलिटी ऑफर करता है. इसमें आप जितना जोखिम लेना चाहते हैं, उस हिसाब से कॉन्ट्रिब्यूशन कर सकते हैं. अपनी पंसद का फंड मैनेजर और फंड एलोकेशन चुन सकते हैं. सब्सक्राइबर अपने फंड का 75 फीसदी हिस्सा इक्विटी में डाल सकता है. पेंशन रेगुलेटर PFRDA (Pension Fund Regulatory and Development Authority) के मुताबिक, NPS ने पिछले एक दशक में अपने सब्सक्राइबर्स को बाजार के मुताबिक बढ़िया रिटर्न के साथ-साथ टैक्स छूट भी दिया है. इस स्कीम में निवेश करने पर आपको सीधे 2 लाख तक की टैक्स छूट मिलती है. इसके लो-कॉस्ट फीचर्स आपको ज्यादा पेंशन की रकम देने वाला कॉर्पस तैयार करने में मदद करते हैं.

अपना बिजनेस करने वालों और आंत्रप्रेन्योर्स को क्यों करना चाहिए NPS में निवेश?

हम आपको यहां पांच ऐसे फायदे बता रहे हैं, जिनके चलते NPS आंत्रप्रेन्योर्स, सेल्फ-इंप्लॉयड प्रोफेशनल्स के लिए बुढ़ापे में वरदान साबित हो सकता है.

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1. फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है (Flexibiliy)

NPS में अपना बिजनेस करने वालों को इतनी फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है कि वो अपनी सुविधा के अनुसार जब चाहे तब जितना चाहे उतने अमाउंट के साथ निवेश कर सकते हैं. इसपर कोई सीमा नहीं है कि कोई अधिकतम कितना निवेश कर सकता है या फिर कितनी बार निवेश कर सकता है.

2. पति-पत्नी दोनों उठा सकते हैं फायदा (Husband-wife NPS benefits)

NPS इंडिविजुअल पेंशन अकाउंट होता है. ऐसे दंपति जो साथ में बिजनेस कर रहे हैं, वो अलग-अलग एनपीएस अकाउंट खुलवा सकते हैं और दोनों अकाउंट पर टैक्स छूट पा सकते हैं. इससे दोनों के लिए अलग-अलग फंड तैयार होगा और अगर वो काम करना बंद भी कर देते हैं, तो भी उनके पास हायर पेंशन कॉर्पस होगा.

3. इंप्लॉईज़ लॉयल्टी बूस्टर (Employees Loyalty Booster)

अगर आपके बिजनेस में आपके लिए कुछ इंप्लॉई काम करते हैं तो आप उन्हें लॉयल्टी रिवॉर्ड के तौर पर NPS को उनके लिए भी एक्सटेंड कर सकते हैं. इससे आपका इंप्लॉई भी सिक्योर हो सकेगा. और आप ऐसे NPS कॉन्ट्रिब्यूशन को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 36 (1)(iv)(a) के तहत बिजनेस के खर्च की तरह दिखाकर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.

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4. टैक्स इंसेंटिव मिलता है (Tax Incentive)

सेल्फ-इंप्लॉईड प्रोफेशनल्स एनपीएस में जो कॉन्ट्रिब्यूशन करते हैं, उसपर ग्रोस एनुअल इनकम के 20% टोटल इनकम से (सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख की सीमा के अंदर) डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. इसके अलावा सेक्शन 80 CCD(1B) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये तक का टैक्स डिडक्शन और लिया जा सकता है. यानी कि एनपीएस में निवेश आपके लिए 2 लाख तक टैक्स बचा सकता है.

5. बिजनेस बंद हो जाए तो भी फंड रहेगा

अगर आपका बिजनेस बंद भी हो जाता है तो भी आपका आंत्रप्रेन्योर्स रिटायरमेंट इनकम सिक्योर रहेगा क्योंकि NPS एक इंडिविजुअल पेंशन अकाउंट होता है, ऐसे में ये फंड सब्सक्राइबर के नाम से चलता है न कि बिजनेस के.

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