New Wage Code 2021: न्यू वेज कोड कब से लागू होगा? यह सवाल लगातार नौकरीपेशा वर्ग के जहन में है. लेकिन, अभी भी इसकी डेडलाइन को लेकर कोई ठोस जवाब नहीं है. सरकार ने अप्रैल 2021 में इसे लागू करने का ऐलान किया था. लेकिन, कुछ कारणों के चलते इसे टाल दिया गया. कुछ सरकारी ऑफिशियल्स ने यह उम्मीद जताई थी कि इसे जुलाई 2021 में लागू किया जाएगा. लेकिन अभी तक इसको लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है. अब सूत्रों की मानें तो नया वेज कोड (New Wage Code 2021) जुलाई में भी लागू नहीं होगा.

राज्यों ने तैयार नहीं किए ड्राफ्ट रूल्स

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ज़ी न्यूज को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कई राज्यों ने अभी तक न्यू वेज कोड के ड्राफ्ट रूल्स (New Wage Code Draft rules) ही तैयार नहीं किए हैं. जब तक सभी राज्यों की तरफ से ड्राफ्ट रूल्स नहीं मिलते, तब तक केंद्र सरकार के लिए भी इसे नोटिफाई करना मुश्किल होगा. फिलहाल, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, बिहार और जम्मू-कश्मीर ने ड्राफ्ट रूल्स को पब्लिश किया है. वहीं, हरियाणा, मेघालय, छत्तीसगढ़, गोवा, सिक्किम, त्रिपुरा और झारखंड के ड्राफ्ट रूल्स अंतिम चरण में हैं. पंजाब ने भी अपने ड्राफ्ट रूल जारी कर दिए हैं, लेकिन उसमें 3 कोड का ज़िक्र किया है, चौथे कोड Occupational Safety, Health and working conditions का ज़िक्र नहीं किया गया है.

अक्टूबर से लागू हो सकता है नया वेज कोड

सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार वेज कोड को नोटिफाई (New Wage Code Notify) करने को तैयार है. लेकिन, राज्यों और कंपनियों की तरफ से ड्राफ्ट रूल्स में देरी के चलते इसे नोटिफाई करना मुश्किल हो रहा है. सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार बिना राज्यों की सहमति के नोटिफिकेशन जारी नहीं करना चाहती. राज्यों से सितंबर 2021 तक पब्लिश करने को कहा गया है. राज्यों के ड्राफ्ट रूल्स मिलते ही अक्टूबर 2021 से न्यू वेज कोड (New Wage Code 2021) लागू कर दिया जाएगा. हालांकि, ड्राफ्ट रूल्स पब्लिश होने के बाद भी राज्यों को सभी स्टेकहोल्डर्स से कमेंट्स और सुझाव मंगाने के लिए 30-45 दिनों का वक्त देना होगा. सुझावों के आधार पर ही कोड को फाइनल किया जाएगा और फिर नोटिफाई किया जा सकेगा.

क्या है New wages code?

सरकार ने 29 केंद्रीय लेबर कानूनों को मिलाकर 4 नए कोड (New Wages Code) बनाए हैं. इनमें इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, कोड ऑन ऑक्‍यूपेशनल सेफ्टी, हेल्‍थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड (OSH), सोशल सिक्‍योरिटी कोड और कोड ऑन वेजेज शामिल हैं. लेकिन, सबसे बड़ा बदलाव ‘वेज’ की परिभाषा का है. इसमें विस्तार किया गया है. नए लेबर कोड का मकसद कंसोलिडेशन पर है. सैलरी का 50 फीसदी सीधे तौर पर वेजेज में शामिल होगा. बता दें, संसद से श्रम सुधारों से जुड़े नए कानून पास हो चुके हैं. अब इन्हें लागू करना है.

सैलरी स्ट्रक्चर कैसे बदल जाएगा?

न्यू वेज कोड एक्ट 2019 (New Wage Code Act 2019) के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत (Cost To Company-CTC) के 50 परसेंट से कम नहीं हो सकती है. अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े. न्यू वेज कोड लागू होने से कर्मचारियों का सैलरी स्ट्रक्चर पूरी तरह बदल जाएगा. कर्मचारियों की 'Take Home Salary' घट जाएगी, क्योंकि Basic Pay बढ़ने से कर्मचारियों का PF ज्यादा कटेगा यानी उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा. 

वर्किंग आवर, छुट्टियां, पेंशन और PF पर भी असर होगा

EPFO बोर्ड मेंबर और भारतीय मजदूर संघ के जनरल सेक्रेटरी विरजेश उपाध्याय के मुताबिक, कर्मचारियों के लिए सोशल सिक्योरिटी (Social Security) काफी अहम है. इसमें कई अहम पहलू हैं. कर्मचारियों के काम के घंटे, सालाना छुट्टियां, पेंशन, PF, टेक होम सैलरी, रिटायरमेंट जैसे अहम मुद्दे पर नियमों में बदलाव होना है.

PF के अलावा Gratuity पर भी असर

प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) के साथ ग्रेच्युटी (Gratuity) में भी योगदान बढ़ेगा. टेक होम सैलरी जरूर घटेगी लेकिन कर्मचारी को रिटायरमेंट पर ज्यादा रकम मिलेगी. असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी न्यू वेज कोड (New wage Code 2021) लागू होगा. सैलरी और बोनस से जुड़े नियम बदलेंगे और हर इंडस्ट्री और सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में समानता आएगी.

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