आज भारत की बड़ी आबादी युवा है, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक 2040 से ये आंकड़ा बदलने लगेगा और उसके बाद उम्र दराज लोगों की आबादी बढ़ने लगेगी. रिटायरमेंट के बाद के खर्चों और सोशल सिक्योरिटी के लिए जितनी जल्दी प्लानिंग शुरू कर दी जाए, नतीजे उतने बेहतर होते हैं. रिटायरमेंट के बाद पर्याप्‍त कैश फ्लो बना रहना बेहद जरूरी है. तभी आप दूसरे पर निर्भर हुए बिना अपनी सभी जरूरतें पूरी कर सकेंगे. रिटायरमेंट के बाद पेंशन पाने का एक बेहतर विकल्प है नेशनल पेंशन सिस्‍टम यानी एनपीएस (NPS).  केंद्र सरकार ने 2004 में इसे सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया था और 2009 में इसे आम जनता के लिए भी खोल दिया गया.

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एनपीएस 100% टैक्‍स फ्री है और इसके साथ अच्‍छा रिटर्न, फ्लेक्सिबिलिटी और टैक्‍स बेनिफिट इसके प्रमुख लाभ है. 18 से 60 साल तक के लोग एनपीएस का खाता खुलवा सकता है. एनपीएस खाता ऑनलाइन या ऑफलाइन खुलवाया जा सकता है. अगर आपकी उम्र 20-35 साल बीच है तो एनपीएस एक अच्छा विकल्प है. इसके लिए आपको बैंक या पोस्‍ट ऑफिस जाना होगा. eNPS प्‍लेटफॉर्म के लिए आप ऑनलाइन भी अप्‍लाई कर सकते हैं.

एनपीएस खाते 2 तरह के होते हैं- टियर 1 और टियर 2. टियर-1 अकाउंट खुलवाना जरूरी है. इसके बाद ही आप टियर-2 अकाउंट खुलवा सकते हैं. टियर-1 एक पेंशन अकाउंट है जो अनिवार्य है और जिसमें से पैसे निकालने की इजाजत नहीं है, लेकिन टियर-2 एक स्वैच्छिक सेविंग्स अकाउंट है, जिसमें सब्स्क्राइबर जब चाहे तब पैसे निकाल सकते हैं. 

 

एनपीएस के टियर-1 अकाउंट में सालाना कम से कम 1000 रुपये जमा करवाना जरूरी है. आप चाहें तो नो मिनिमम बैलेंस वाला टियर-2 अकाउंट भी खुलवा सकते हैं, जिससे आप जब चाहें पैसे निकाल भी सकते हैं. यह सबसे सस्‍ता विकल्‍प इसलिए है कि फंड मैनेजमेंट चार्ज के तौर पर आपको सिर्फ 0.1% देना होता है.

आपके पास एनपीएस में निवेश करने के लिए 2 विकल्‍प हैं- एक्टिव च्वॉइस और ऑटो च्‍वॉइस. एक्टिव चॉइस के तहत आप एसेट क्‍लास इक्विटी, गवर्नमेंट सिक्‍योरिटीज के अलावा फिक्‍स्‍ड इनकम इंस्‍ट्रूमेंट्स, गवर्नमेंट सिक्‍योरिटी और वैकल्पिक निवेश योजनाओं में निवेश कर सकते हैं. इक्विटी में आप अधिकतम 50% का निवेश कर सकते हैं. ऑटो च्‍वॉइस में आपकी उम्र के अनुसार विभिन्‍न एसेट क्‍लास में निवेश किया जाता है.