Mutual Funds: मार्केट रेगुलेटर सेबी (Sebi) और म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के रेगुलेटर एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) ने फंड मैनेजर्स से कहा है कि वे इस महीने से स्मॉल कैप और मिड कैप फंडों के लिए अतिरिक्त जानकारियां उपलब्ध कराएं.  निवेशकों का भरोसा और पारदर्शिता बढ़ाने तथा बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए ऐसा कहा गया है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सेबी (Sebi) के पूर्णकालिक सदस्य अमरजीत सिंह ने यह जानकारी देते हुए कहा कि म्यूचुअल फंड मैनेजर्स के लिए अतिरिक्त डाटा प्वाइंट्स मापदंडों में वैल्युएशन, वॉलेटिलिटी, निवेशकों का रुझान और स्ट्रेस टेस्टिंग शामिल हैं. स्ट्रेस टेस्टिंग के नतीजों से यह पता चलने की उम्मीद है कि एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) को आनुपातिक आधार पर योजनाओं के एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) के 25% और 50% के बराबर प्रतिभूतियों को समाप्त करने में कितना समय लग सकता है.

ये भी पढ़ें- Dividend Stock: SBI Life ने किया अंतरिम डिविडेंड का ऐलान, जानिए रिकॉर्ड डेट

उन्होंने कहा, हमने एम्फी को निर्देश दिया है कि वह एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) को स्मॉल कैप (Smallcap Share) और मिड कैप शेयरों (Midcap Share) में हिस्सेदारी के साथ ही स्ट्रेस टेस्टिंग नतीजों का प्रकटीकरण करने को कहे. एएमसी को इसके अलावा वैल्युएशन, अस्थिरता, निवेशकों का रुझान जैसे मानदंडों पर भी जानकारी देनी होगी. सिंह ने कहा कि इस संबंध में एम्फी  (AMFI) की सलाह से एक प्रारूप तैयार किया गया है.

पिछले महीने फरवरी 2024 में स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंडों में एसेट अंडर मैनेजमेंट के तहत नेट एसेट्स क्रमशः 2,49,079 करोड़ रुपये और 2,94,490 करोड़ रुपये थी, जबकि वर्ष में यह 1,31,586 करोड़ रुपये और 1,83,246 करोड़ रुपये थी.

ये भी पढ़ें- Power Stock: 1 साल में 144% रिटर्न देने वाली कंपनी को मिला बड़ा ऑर्डर, बाजार खुलने पर रखें नजर