Mutual Fund Investment: शेयर बाजार नियामक सेबी (SEBI) बाजार सूचकांक (Index) के आधार पर निवेश किये जाने वाले ETD (Exchange Traded Fund) जैसे ‘पैसिव फंड’ के लिए अनुपालन बोझ कम करने के इरादे से म्यूचुअल फंड संबंधी कुछ आसान प्रावधान जारी करने की तैयारी में है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. ‘पैसिव’ फंड निवेश का ऐसा साधन है जिसमें किसी बाजार सूचकांक या विशिष्ट बाजार खंड की निगरानी कर निवेश किया जाता है. इस खंड में पैसिव इंडेक्स फंड, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) और ईटीएफ में निवेश करने वाले फंडो के फंड शामिल हैं.

पैसिव फंड बढ़ाने की कोशिश

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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्णकालिक सदस्य अनंत बरुआ ने कहा कि इंडेक्स फंड और ईटीएफ जैसे विकल्पों में निवेश को आसान बनाने के लिए सेबी म्यूचुअल फंड से जुड़े प्रावधान को सुगम बनाने वाला है. उन्होंने कहा, "इन प्रावधानों से इंडेक्स फंड और ईटीएफ को अधिक लचीलापन मिलेगा और वे निवेशकों को पारदर्शिता, विविधता के साथ कम लागत पर उपलब्ध होंगे." बरुआ ने उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नियम अनुपालन बोझ को हल्का कर सेबी भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग में ऐसे कोष में निवेश बढ़ाने की मंशा रखता है.

IPO लिस्टिंग के नियम बदलने का प्रस्ताव

सेबी ने बीते हफ्ते आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) बंद होने के बाद कंपनी के शेयर सूचीबद्ध होने में लगने वाले समय को कम करने का प्रस्ताव दिया था. सेबी ने इस समयसीमा को छह दिन से घटाकर तीन दिन करने की बात कही है. समयसीमा में प्रस्तावित कमी से आईपीओ लाने वाले पक्ष और निवेशकों, दोनों को फायदा होगा. सेबी ने एक सर्कुलर में कहा कि आईपीओ लाने वाले पक्ष को जल्द पूंजी मिलेगी, जिससे व्यापार करने में आसानी होगी. दूसरी ओर निवेशकों को जल्दी शेयर मिलेंगे. 

बाजार नियामक ने नवंबर 2018 में निर्गम बंद होने के छह दिनों के भीतर शेयरों को सूचीबद्ध करने की समयसीमा तय की थी. इस व्यवस्था को 'टी+6' नाम दिया गया. इसमें 'टी' निर्गम बंद होने का दिन है. अब इसे टी+3 करने का प्रस्ताव है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने प्रस्ताव पर तीन जून तक हितधारकों और आम जनता से सुझाव मांगे हैं.

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