हमारी लाइफ में कुछ भी तय नहीं होता. आप फ्यूचर में कभी भी फाइंनेंशियल क्राइसिस में फंस सकते हैं. या कभी भी आपको किसी काम के लिए पैसों की जरुरत पड़ सकती है. वो चाहे घर का रिनोवेशन करना हो, फैमिली में शादी या मेडिकल इमरजेंसी की कंडीशन हो. ऐसे में सबसे पहले हमारे मन में अपने कैश का यूज करने का ख्याल आता है. कई बार लोग अपने बॅान्ड या म्यूचुअल फंड को बेचने के बारे में भी सोच लेते हैं. लेकिन ये प्लान आपके लिए गलत साबित हो सकता है. अपने म्युचुअल फंड इंवेस्टमेंट को बेचने के बजाय, आप उनके एवज में लोन ले सकते हैं. जिस तरह आप अपने दूसरे एसेट जैसे गोल्ड और रियल इस्टेट को लोन के लिए गिरवी रख सकते हैं. उसी तरह बैंक और नॅान-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) से अपने म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स के लिए भी लोन ले सकते हैं. कम इंटरेस्ट रेट के कारण क्रेडिट कार्ड लोन या इंडिविजुअल लोन के मुकाबले म्यूचुअल फंड यूनिट के बदले लोन लेना एक बेहतर ऑप्शन होता है. म्युचुअल फंड के एवज में दिए गए लोन पर इंटरेस्ट रेट का लेवल गोल्ड या फिक्स डिपॅाजिट पर लिए गए लोन से ज्यादा होता है. 

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म्यूचुअल फंड पर लोन लेने के क्या हैं फायदे

आप अपनी म्युचुअल फंड होल्डिंग्स की लिमिट तक ही लोन ले सकते हैं

आप अपने म्युचुअल फंड होल्डिंग्स पर कितना लोन ले सकते हैं, ये काफी हद तक इस बात पर डिपेंड करता है कि आपने किस तरह की म्युचुअल फंड स्कीम में इंवेस्ट किया है. और साथ ही ये बात भी इसमें ध्यान रखी जाती है आप किस फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट से लोन लेंगे. एचडीएफसी और आईसीआईसीआई जैसे बैंक आपको इक्विटी म्यूचुअल फंड के मामले में नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) का 50% तक और डेट म्यूचुअल फंड के मामले में 80% तक का लोन देते हैं. वहीं एक्सिस बैंक आपकी डेट म्यूचुअल फंड स्कीम के प्राइस का 85 फीसदी और आपकी इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम के प्राइस का 60 फीसदी तक लोन देता है.

 

बैंक सिलेक्टेड म्युचुअल फंड के बदले लोन देते हैं

कई बैंक केवल उनकी चुनी गई म्युचुअल फंड स्कीम के एक सेट के लिए ही लोन देते हैं. जैसे कि एसबीआई केवल एसबीआई म्यूचुअल फंड की म्यूचुअल स्कीम के एवज में लोन देता है. एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक उन स्कीम को लेकर भी सिलेक्टिव रहते हैं जिनके लिए वे पैसे उधार देते हैं. ये दोनों प्राइवेट बैंक कंप्यूटर एज मैनेजमेंट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (सीएएमएस) के साथ रजिस्टर्ड एसेट मैनेजमेंट कंपनियों से मैनेज म्यूचुअल फंड स्कीम पर लोन देते हैं.

 

लोन लेने के अमाउंट पर होती है लिमिट 

किसी भी तरह के लोन की तरह म्यूचुअल फंड पर भी लोन की कुछ लिमिट होती हैं. कई बैंकों के पास आपको देने वाले लोन की मैक्सिमम और मिनिमम लिमिट तय होती है. जैसे आईसीआईसीआई बैंक जैसे ज्यादातर बड़े प्राइवेट बैंकों ने मिनिमम लोन अमाउंट 50,000 रुपए और मैक्सिमम 20 लाख रुपए तय की है.

 

म्युचुअल फंड के बदले लिए जाने वाले लोन का कॅास्ट

म्युचुअल फंड पर लोन का एक खास फायदा है कि आपको क्रेडिट कार्ड लोन या पर्सनल लोन की तुलना में कम इंटरेस्ट रेट मिलती है. इसका कारण यह है कि म्युचुअल फंडों के एवज में लोन सुरक्षित होते हैं यानी वे कॅालेट्रल से बैक किए जाते हैं.

 

म्यूचुअल फंड यूनिट पर अर्न कर सकते हैं रिटर्न

जब आप अपनी म्युचुअल फंड यूनिट को लोन लेने के लिए गिरवी रखते हैं, तो वे यूनिट बाजार में इंवेस्टेड रहती हैं. क्योंकि जब आप अपनी म्यूचुअल फंड यूनिट्स को बैंक में गिरवी रखते हैं, तो आप डिफॉल्ट होने की कंडीशन में ही बैंक को म्यूचुअल फंड यूनिट्स बेचने का हक देते हैं. लेकिन जब तक आप डिफॉल्ट नहीं करते हैं, तब तक आपका इंवेस्टमेंट बाजार से लिंक रहता है और आप उन पर रिटर्न कमाते रहते हैं.