Mutual Fund SIP: म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेशक सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान (SIP) के जरिए ताबड़तोड़ पैसा लगा रहे हैं. जनवरी 2022 में SIP कंट्रीब्‍यूशन ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने एसआईपी कंट्रीब्‍यूशन बढ़कर 11,516 करोड़ रुपये के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया. दिसंबर 2021 में एसआईपी के जरिए 11,305 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था. एक्‍सपर्ट मान रहे हैं कि निवेशकों को अर्थव्‍यवस्‍था में रिवकरी को लेकर पॉजिटिव हैं. वहीं, कोविड महामारी के बाद से निवेशकों का फोकस कैपिटल मार्केट इंस्‍ट्रूमेंट्स पर बढ़ा है. 

5.05 करोड़ हुए SIP अकाउंट 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

AMFI के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, SIP अकाउंट जनवरी 2022 में बढ़कर 5.05 करोड़ हो गए. दिसंबर 2021 में SIP अकाउंट की संख्‍या 4.91 करोड़, नवंबर में 4.78 करोड़ हो गए और अक्‍टूबर में 4.64 करोड़ थी. नवंबर में मंथली SIP कंट्रीब्‍यूशन ने पहली बार 11 हजार का आंकड़ा पार किया था और यह 11,004.94 करोड़ रुपये रहा. 

आंकड़ों के मुताबिक, म्‍यूचुअल फंड में बीते एक साल के दौरान निवेशकों का रुझान तेजी से बढ़ा है. इसमें सबसे ज्‍यादा आकर्षण म्‍यूचुअल फंड की इक्विटी स्‍कीम्‍स को लेकर है. जनवरी 2022 में इक्विटी म्‍यूचुअल फंड्स में 14,888 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो हुआ है. लगातार 11वें महीने निवेशकों ने इक्विटी स्‍कीम्‍स में पैस लगाया है. मार्च 2021 से लगातार इक्विटी स्‍कीम्‍स में निवेश आ रहा है. बीते 11 महीनों के दौरान इक्विटी स्‍कीम्‍स में 1 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा का इनफ्लो आ चुका है. यह इक्विटी स्‍कीम्‍स में निवेशकों के पॉजिटिव सेंटीमेंट को दिखाता है.

 

 

 

SIP कंट्रीब्‍यूशन पर क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट 

 

 

 

बीपीएन फिनकैप के डायरेक्‍टर एके निगम का कहना है कि कोविड के बाद से निवेशकों का फोकस कैपिटल मार्केट इंस्‍ट्रूमेंट्स की ओर तेजी से बढ़ा है. इसमें SIP को लेकर आकर्षण सबसे ज्‍यादा है. मार्केट में लिक्विडिटी है और निवेशक पैसा लगा रहे है. हालांकि, वह एकमुश्‍त निवेश की बजाय एसआईपी को तरजीह दे रहे हैं. रिटेल निवेशक मान रहे हैं कि सिस्‍टमैटिक या अनु‍शासित तरीके से निवेश लंबी अवधि में ज्‍यादा फायदा और कम अस्थिर होता है. निवेशकों का फोकस सिर्फ रिटर्न नहीं बल्कि रिस्‍क एडजस्‍टेड रिटर्न पर है. इसके लिए SIP एक बेहतर ऑप्‍शन है.

 

 

 

एम्‍फी के चीफ एग्‍जीक्‍यूटिव एनएस वेंक्‍टेशन के एक बयान के मुताबिक, रिटेल म्‍यूचुअल फंड निवेशकों को भारत की ग्रोथ स्‍टोरी पर पूरा भरोसा है. मंथली SIP इनफ्लो को देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. चालू वित्‍त वर्ष में 9.2 फीसदी की ग्रोथ रहने की उम्‍मीद है. फेड रेट हाइक या एफपीआई की बिकवाली जैसे बाहरी कारणों से आ रही अनश्चितता से बाहर भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था बाहर निकल चुकी है. 

 

 

 

5 साल में 1 लाख के 4 लाख बनाने वाली स्‍कीम 

 

 

 

टाटा डिजिटल इंडिया फंड (Tata Digital India Fund)

 

 

 

5 साल में सालाना रिटर्न: 34.60 फीसदी 

1 लाख रुपये निवेश की वैल्‍यू: 4.42 लाख रुपये 

10,000 मंथली SIP की वैल्‍यू: 15.23 लाख रुपये 

मिनिमम निवेश: 5,000 रुपये 

मिनिमम SIP: 150 रुपये 

एसेट्स: 4,900 करोड़ रुपये (31 दिसंबर 2021 तक)

एक्‍सपेंश रेश्‍यो: 0.38% (31 दिसंबर 2021 तक)  

 

 

 

ICICI प्रुडेंशियल टेक्‍नोलॉजी फंड (ICICI Prudential Technology Fund)

 

 

 

5 साल में सालाना रिटर्न: 33.53 फीसदी 

1 लाख रुपये निवेश की वैल्‍यू: 4.25 लाख रुपये 

10,000 मंथली SIP की वैल्‍यू: 15.56 लाख रुपये 

मिनिमम निवेश: 5,000 रुपये 

मिनिमम SIP: 100 रुपये 

एसेट्स: 7,909 करोड़ रुपये (31 दिसंबर 2021 तक)

एक्‍सपेंश रेश्‍यो: 0.81% (31 दिसंबर 2021 तक)  

 

 

 

ABSL डिजिटल इंडिया फंड (ABSL Digital India Fund)

 

 

 

5 साल में सालाना रिटर्न: 32.81 फीसदी 

1 लाख रुपये निवेश की वैल्‍यू: 4.13 लाख रुपये 

10,000 मंथली SIP की वैल्‍यू: 14.79 लाख रुपये 

मिनिमम निवेश: 1,000 रुपये 

मिनिमम SIP: 100 रुपये 

एसेट्स: 3,086 करोड़ रुपये (31 जनवरी 2022 तक)

एक्‍सपेंश रेश्‍यो: 0.85% (31 दिसंबर 2021 तक)   

 

 

 

(नोट: यहां फंड्स के प्रदर्शन की डीटेल वैल्‍यू रिसर्च से ली गई है.) 

 

 

 

 

 

 

 

(डिस्‍क्‍लेमर: यहां फंड्स में निवेश की सलाह नहीं दी गई है. म्‍यूचुअल फंड में निवेश जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)