Mutual Fund SIP Investment: बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के बीच म्‍यूचुअल फंड SIP में निवेशकों को भरोसा मजबूत बना हुआ है. दिसंबर 2021 में SIP कंट्रीब्‍यूशन के आंकड़े देखें, तो यह बढ़कर 11,305 करोड़ रुपये हो गया. लंबी अवधि में एसआईपी में कम्‍पाउंडिंग का शानदार फायदा होता है. इसमें खास बात यह है कि आप 100 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकते हैं और रेग्‍युलर निवेश से लाखों रुपये का फंड आसानी से बनाया जा सकता है. अगर कोई निवेशक 21 साल की उम्र से 100-100 रुपये की रोज की सेविंग का मंथली SIP करता है, तो वह अपनी रिटायरमेंट एज यानी 60 साल से 10 साल पहले यानी 50 साल में ही करोड़ रुपये का फंड बना सकता है. एक्‍सपर्ट मानते हैं कि निवेशकों का फोकस सिर्फ रिटर्न नहीं बल्कि रिस्‍क एडजस्‍टेड रिटर्न पर है. इसके लिए SIP एक बेहतर ऑप्‍शन है.  

SIP Calculator: रोज 100 रुपये सेविंग की पावर  

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मान लीजिए आप 21 की उम्र से रोज 100 रुपये की सेविंग करते हैं, तो हर महीने आपकी बचत 3,00 रुपये हो गई. अगर आप हर महीने 3,000 रुपये की SIP करते हैं और सालाना रिटर्न 12 फीसदी भी मिलता है, तो आप अगले 30 साल यानी 50 की उम्र पूरी होने पर ही 1.1 करोड़ रुपये का फंड बना लेंगे. इस अवधि में आपका कुल निवेश 10.8 लाख रुपये होगा, जबकि आपको 95.1 लाख का वेल्‍थ गेन हो सकता है. लंबी अवधि में म्‍यूचुअल फंड की कई ऐसी स्‍कीम्‍स हैं, जिनका सालाना रिटर्न 12 फीसदी सीएजीआर रहा है. यह ध्‍यान रखें कि सालाना रिटर्न घटने या बढ़ने पर आपका कॉपर्स कम या ज्‍यादा हो सकता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि म्‍यूचुअल फंड निवेश पर भी बाजार के उतार-चढ़ाव का असर होता है. हालांकि, यह रिस्‍क सीधे इक्विटी निवेश के मुकाबले कम रहता है.

SIP में लगातार बढ़ रहा निवेश

AMFI की ओर से जारी दिसंबर 2021 के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में SIP (systematic investment plan) कंट्रीब्‍यूशन बढ़कर 11,305 करोड़ रुपये हो गया. नवंबर में यह 11,005 करोड़ रुपये था. पिछले महीने SIP अकाउंट्स की संख्‍या बढ़कर 4.91 करोड़ हो गई, जो नवंबर 2021 में 4.78 करोड़ थी. आंकड़ों के मुताबिक, लगातार 10वें म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम्‍स में इनफ्लो बढ़ा है. दिसंबर में 25,076.71 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो इक्विटी म्यूचुअल फंड में हुआ.

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SIP पर क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट 

एडलवाइस म्‍यूचुअल फंड के हेड (सेल्‍स) दीपक जैन का कहना है, रिटेल निवेशक मान रहे हैं कि सिस्‍टमैटिक या अनु‍शासित तरीके से निवेश लंबी अवधि में ज्‍यादा फायदा और कम अस्थिर होता है. इसलिए वे रेग्‍युलअर निवेश के लिए SIPs को तरजीह दे रहे हैं. निवेशकों का फोकस सिर्फ रिटर्न नहीं बल्कि रिस्‍क एडजस्‍टेड रिटर्न पर है. इसके लिए SIP एक बेहतर ऑप्‍शन है. 

बीपीएन फिनकैप के डायरेक्‍टर एके निगम का कहना है कि SIP निवेश का एक सिस्‍टमेटिक तरीका है. लंबी अवधि में कई ऐसे फंड्स हैं, जिनका सालाना औसत एसआईपी रिटर्न 12 फीसदी रहा है. इसमें निवेशक को सीधे बाजार के रिस्‍क का सामना नहीं करना पड़ता है. वहीं, रिटर्न भी ट्रेडिशनल प्रॉडक्‍ट से ज्‍यादा मिलता है. हालांकि, इसमें भी रिस्‍क रहता है. इसलिए निवेशक को अपनी इनकम, टारगेट और रिस्‍क प्रोफाइल देखकर निवेश का फैसला करना चाहिए.  

 

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों की अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)